
अपनी रूपांतरकारी परफॉर्मेंस के लिए मशहूर रसिका दुगल ने हाल ही में लॉर्ड कर्जन की हवेली में अपने किरदार की तैयारी को लेकर दिलचस्प बातें साझा कीं. यह फिल्म एक हिचकॉक-शैली की चैम्बर ड्रामा है, जिसमें काफी हद तक इम्प्रोवाइजेशन शामिल था. रसिका ने बताया कि कितनी सोच-समझकर डिजाइन की गई वर्कशॉप्स ने उन्हें अपने किरदार की गहराई तक जाने में मदद की. रसिका ने कहा, “हमें बहुत क्रिएटिव फ्रीडम मिली. वर्कशॉप्स बहुत सोच-समझकर की गईं और इससे बहुत फर्क पड़ता है, क्योंकि कभी-कभी वर्कशॉप्स जरूरत से ज्यादा रिजल्ट-ओरिएंटेड हो जाती हैं और उल्टा असर डालती हैं. यहां मकसद हमें हमारे किरदार की दुनिया बनाने में मदद करना था, न कि हमारी भावनाओं को डिक्टेट करना. ये एक ड्रीम वर्कशॉप स्पेस था.”
उन्होंने यह भी बताया कि किसी फिल्म की टोनैलिटी समझना एक अभिनेता के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है और निर्देशक अंशुमान के दृष्टिकोण की सराहना की. “बेहतरीन निर्देशक वो होते हैं जो आपको टोनैलिटी नहीं बताते, बल्कि इस तरह गाइड करते हैं कि आप खुद-ब-खुद उनकी विजन के साथ नैचुरली जुड़ जाते हैं. यही सहयोग का असली सौंदर्य है. मैं उसी प्रक्रिया पर भरोसा करती हूं, उसे कंट्रोल करने की कोशिश नहीं करती,” रसिका ने कहा.
उनके ये विचार उनकी असलियत से भरी कहानी कहने की कला को दर्शाते हैं और यह भी दिखाते हैं कि कैसे सहयोग की भावना लॉर्ड कर्जन की हवेली की जटिल दुनिया को जिंदा कर देती है.
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