
राज कुमार को बॉलीवुड का वो शाही एक्टर माना जाता है, जिन्होंने अपनी आवाज और पर्सनैलिटी के दम पर फिल्मी दुनिया पर सालों तक राज किया. शानदार फिल्मों के साथ साथ लोग उन्हें उनकी हाजिर जवाबी और ठाठ के लिए जानते थे. राज कुमार के बारे में यही खासियत थी कि वो अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते थे. उनकी डायलॉग डिलीवरी लोगों को उनकी तारीफ करने के लिए मजबूर कर देती थी. राज कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि वो फिल्मों के अलावा और किन किन बातों को लेकर सोचते हैं.
खूबसूरत औरतों के बारे में ख्याल
एक इंटरव्यू में राज कुमार से पूछा गया कि फिल्मों के अलावा राजकुमार और किन चीजों के बारे में सोचते हैं. इस पर राज कुमार ने कहा कि खूबसूरत औरतों के बारे में सोचा करते थे. लेकिन अब सिर्फ उन्हें देख सकते हैं और केवल मुस्कुरा सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें आसमान और हरियाली देखने का शौक है. वो जब भी मुंबई आते हैं तो केवल अशोका होटल में ठहरते हैं क्योंकि वहां खिड़की से आसमान और हरियाली दिखती है. इसके अलावा राज कुमार ने समुद्र के लिए भी अपनी चाहत की बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें समुंदर और दरिया भी पसंद आता है.
इन फिल्मों में छोड़ी छाप
आपको बता दें कि राज कुमार ने अपने दौर में कल्ट क्लासिक कही जाने वाली फिल्म मदर इंडिया में अपनी शानदार एक्टिंग का लोहा मनवाया था. इसके अलावा दिल अपना और प्रीत पराई, वक्त, हमराज, नील कमल,मेरे हुजूर, दिल एक मंदिर, घराना जैसी शानदार फिल्मों में काम करके पहचान बनाई. उनका कमबैक भी शानदार रहा. बाद के दौर में राज कुमार ने बुलंदी, तिरंगा और सौदागर जैसी फिल्मों में काम किया और लोग उनके मुरीद हो गई. गले के कैंसर के चलते 1996 में राज कुमार साहब का देहांत हो गया. राज कुमार के बेटे पुरु राज कुमार ने कुछ फिल्मों में काम किया लेकिन वो अपने पिता जैसी शोहरत हासिल नहीं कर सके.
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