नई दिल्ली:
विवादों से घिरी फिल्म 'पद्मावत' के कुछ राज्यों में प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई कर सकता है. फिल्म निर्माताओं ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामला रखा है. निर्माताओं के वकील ने बुधवार को पीठ से मामले पर शीघ्र सुनवाई की मांग की जिस पर अदालत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. सुनवाई से संबंधित मामलों की सूची के बुधवार शाम आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस मामले पर गुरुवार को क्या होना है.
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'पद्मावत' पर राजस्थान, हरियाणा और गुजरात सहित कुछ राज्यों ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. हालांकि, फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है. फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है. राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. जबकि फिल्म से संबद्ध लोगों ने इससे इनकार किया है.
मप्र में भी लग सकती है 'पद्मावत' पर रोक
मध्य प्रदेश सरकार भी आने वाले दिनों में 'पद्मावत' फिल्म के राज्य में प्रदर्शन पर रोक लगा सकती है, क्योंकि 'पद्मावती' को लेकर हुए विवाद के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में इस फिल्म को दिखाए जाने पर प्रतिबंध का ऐलान किया था. सरकार ने हालांकि अभी 'पद्मावत' पर कोई निर्णय नहीं लिया है, मगर प्रतिबंध के संकेत जरूर दिए हैं. देश के विभिन्न हिस्सों के साथ मध्य प्रदेश में भी इस फिल्म के विरोध के स्वर उठे थे.
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तब मुख्यमंत्री चौहान ने साफ तौर पर कहा था कि राज्य में यह फिल्म नहीं दिखाई जाएगी. अब फिल्म का नाम बदलकर 'पद्मावत' कर दिया गया है और सेंसर बोर्ड ने कुछ दृश्यों को हटाने के बाद प्रमाणपत्र भी दे दिया है और रिलीज की तारीख 25 जनवरी तय हो चुकी है.
मुख्यमंत्री चौहान से पिछले दिनों पत्रकारों ने फिल्म का नाम बदले जाने के बाद भी हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर सवाल किया, तो उनका जवाब था, "जो पहले कहा गया है, वही लागू रहेगा." इसका अर्थ अपने-अपने तरह से निकाले जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री के बयान का जिक्र किया, मगर साथ ही जोड़ा कि अभी आधिकारिक तौर पर किसी तरह का फैसला नहीं हुआ है.
VIDEO: 'पद्मावत' के खिलाफ सेंसर बोर्ड दफ्तर के बाहर करणी सेना का प्रदर्शन
(इनपुट आईएएनएस से)
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'पद्मावत' पर राजस्थान, हरियाणा और गुजरात सहित कुछ राज्यों ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. हालांकि, फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है. फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है. राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. जबकि फिल्म से संबद्ध लोगों ने इससे इनकार किया है.
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तब मुख्यमंत्री चौहान ने साफ तौर पर कहा था कि राज्य में यह फिल्म नहीं दिखाई जाएगी. अब फिल्म का नाम बदलकर 'पद्मावत' कर दिया गया है और सेंसर बोर्ड ने कुछ दृश्यों को हटाने के बाद प्रमाणपत्र भी दे दिया है और रिलीज की तारीख 25 जनवरी तय हो चुकी है.
मुख्यमंत्री चौहान से पिछले दिनों पत्रकारों ने फिल्म का नाम बदले जाने के बाद भी हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर सवाल किया, तो उनका जवाब था, "जो पहले कहा गया है, वही लागू रहेगा." इसका अर्थ अपने-अपने तरह से निकाले जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री के बयान का जिक्र किया, मगर साथ ही जोड़ा कि अभी आधिकारिक तौर पर किसी तरह का फैसला नहीं हुआ है.
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(इनपुट आईएएनएस से)
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