बॉलीवुड एक्ट्रेस पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने आज देश के कई हिस्सों में शराब की दुकानें खोले (Liquor Shops Open) जाने को लेकर ट्वीट किया है. पूजा भट्ट ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए हैं, और बताया है कि आखिर क्यों लोग शराब के लिए इतने बेताब हो रहे हैं. पूजा भट्ट भी किसी समय शराब का अत्यधिक सेवन करती थीं, लेकिन पिछले तीन साल से एक्ट्रेस ने इसे हाथ भी नहीं लगाया है. पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने अपने ट्विटर हैंडल पर पूरे हालात पर बात की है.
As someone who hasn't had a drink for more than 3 yrs & is grateful to the universe that I am not one of the people putting life at risk to line up for my fix,I find it tragic that others are taking a high moral posture against the ones who are.People are stressed & anxious(cont)
— Pooja Bhatt (@PoojaB1972) May 5, 2020
पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने शराब की दुकानें खुलने (Liquor Shops Open) को लेकर ट्वीट किया, 'मैंने तीन साल से शराब को हाथ नहीं लगाया है और मैं शुक्रगुजार हूं कि मैं उन लोगों में से नहीं जो अपनी जान को जोखिम को डाल रहे हैं, लेकि न यह पूरी तरह से गलत है कि जो लोग परेशानि और मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं, खुद को उनसे श्रेष्ठ समझ रहे हैं.'
Like it or not,in a society that does not acknowledge the reality of depression & other mental health issues,alcohol becomes an escape route. People are grappling with uncertainty. The bottle becomes easy refuge. You want to fix that? Take away their pain first.
— Pooja Bhatt (@PoojaB1972) May 5, 2020
'आप इसे पसंद करें या नहीं लेकिन जो समाज डिप्रेशन या अन्य मानसिक सहेत से जुड़ी समस्याओं की हकीकत को नहीं समझ पाता, वहां इससे बचने की एक ही राह शराब रह जाती है. लोग अनिश्चितता के शिकार हो रहे हैं. शराब उनका आसान सहारा बन रही है. आप इसे सही करना चाहते हैं? पहलें उनका दर्द कम करें.'
When you cut off supply people get desperate. Anxiety increases. As do cases of domestic violence. I do not drink. Hopefully I NEVER will. Others are not that lucky or lack the will. Don't judge them. Alcoholism is an illness. Not a moral weakness. Empathy & helplines needed.
— Pooja Bhatt (@PoojaB1972) May 5, 2020
'जब आप सप्लाई पूरी तरह कट कर देते हैं तो लोग हताश हो जाते हैं. एंजाइटी बढ़ जाती है. घरेलू हिंसा पर उतर आते हैं. मैं शराब नहीं पीती. उम्मीद करती हूं कभी पिऊंगी भी नहीं. दूसरे इतने खुशकिस्मत या दृढ़ इच्छाशक्ति वाले नहीं. उन्हें जज मत करिए. शराब की लत बीमारी है. नैतिक कमजोरी नहीं. प्यार और मदद की जरूरत है.'
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