अमिताभ बच्चन के ‘गॉडफादर’ थे महमूद, सक्सेसफुल होने के बाद Big B करने लगे थे इग्नोर तब कॉमेडियन ने कहा था- असली बाप ही बाप होता है

महमूद अली कॉमेडियन, एक्टर, सिंगर और डायरेक्टर थे. एक समय में बॉलीवुड के शहंशाह की उन्होंने खूब मदद की और खुद को उनके पिता कहते थे. बाद में दोनों के रिश्ते में दूरियां आ गई.

अमिताभ बच्चन के ‘गॉडफादर’ थे महमूद, सक्सेसफुल होने के बाद Big B करने लगे थे इग्नोर तब कॉमेडियन ने कहा था- असली बाप ही बाप होता है

महमूद ने दिया था अमिताभ बच्चन को पहला बड़ा ब्रेक

नई दिल्ली :

Mehmood Birth Anniversary: महमूद अली का जन्म 29 सितंबर को हुआ था और आज उनकी 90वीं बर्थ एनिवर्सरी है. वह कॉमेडियन, एक्टर, सिंगर और डायरेक्टर थे. एक समय में बॉलीवुड में उनका नाम था और वह बॉलीवुड में स्ट्रगल कर रहे एक्टर्स की मदद करने के लिए जाने जाते थे. बॉलीवुड के शहंशाह को भी उन्होंने स्ट्रगल के दिनों में मदद किया. कहा जाता है कि महमूद अमिताभ को बेटा मानते थे. हालांकि बाद में दोनों के बीच इतनी दूरियां आ गई की महमूद और अमिताभ ने आखिरी समय तक एक दूसरे से बात नहीं की. 

महमूद का दिल अमिताभ से इतना टूटा था कि उन्होंने कई इंटरव्यूज में अमिताभ को लेकर नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन अमिताभ ने उनके खिलाफ कभी एक शब्द नहीं बोला. महमूद के निधन पर अमिताभ ने अपने ब्लॉग में महमूद के लिए अपनी भावनाएं व्यक्त की. उन्होंने अपने 'गॉडफादर' महमूद को याद करते हुए कहा था कि किस तरह मुश्किल वक्त में कॉमेडियन ने उन्हें बड़ा सहारा दिया था.महमूद ने फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू की थी. उन्होंने काफी स्ट्रगल किया. कभी उन्हों मुर्गियां बेचीं तो कभी ड्राइवर बनें. पैसों के लिए मीना कुमारी को उन्होंने टेबल टेनिस भी सिखाया. 1956 में आई फिल्म 'सीआईडी' में उन्हें ब्रेक मिला, जिसमें वह एक किलर के रोल में नजर आए. इसके बाद उन्हें फिल्मों में रोल मिलने लगे और बाद में उन्होंने 'कॉमेडियन' के तौर पर पहचान बनाई. 

जब अमिताभ इंडस्ट्री में आए तब तब महमूद बड़ा नाम बन चुके थे. उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद रखते हुए नए एक्टर्स की दिल खोल कर मदद की. अमिताभ ने 1969 में फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में सपोर्टिंग रोल से डेब्यू किया था. फिल्म नहीं चली और अमिताभ को छोटे मोटे रोल मिलने लगे.अमिताभ की एक के बाद एक तकरीब 12 फिल्में फ्लॉप हुईं. बाद में उन्हें फिल्में मिलनी लगभग बंद सी हो गईं. हालांकि महमूद को लगा कि अमिताभ एक बेहतरीन एक्टर हैं. तब तक महमूद प्रोड्यूसर बन गए थे और उन्होंने अमिताभ बच्चन को फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' में मौका दिया. महमूद ने ही अमिताभ बच्चन को पहला लीड रोल दिया. फिल्म हिट रही इससे अमिताभ स्टार बन गए. इसके बाद उन्हें 'जंजीर' मिली और वह रातों रात स्टार बन गए. 

महमूद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अमिताभ के स्ट्रगल के दिनों में बहुत मदद की. उन्हें अपने घर में रहने के लिए जगह दी. वह उन्हें अपना बेटा मानते थे और महमूद और अमिताभ ने कई फिल्मों में साथ काम किया. बाद में दोनों के रिश्ते में दूरियां आ गईं. एक इंटरव्यू में महमूद ने कहा था, 'अमित मेरी बहुत इज्जत करता है, लेकिन उसके एक हरकत से मुझे बड़ा दुख दिया. उसके पिता हरिवंश राय बच्चन बीमार थे तो मैं उनसे मिलने अमित के घर गया था, लेकिन जब मेरी बाइपास सर्जरी हुई तो अमित मुझे देखने तक नहीं आया. जबकि अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल आया, जहां मैं भी था. अमित ने साबित कर दिया कि असली पिता ही असली होता है और नकली पिता नकली ही होता है.'

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हालांकि उसे पता था कि मैं उसी अस्पताल में हूं. महमूद के मन में यह दर्द अंतिम समय तक रहा. 2004 में पेंसिल्वेनिया में उनका निधन हुआ था. हालांकि मरने के बाद अमिताभ ने उन्हें याद करते हुए गॉडफादर बताया था.