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इस एक्ट्रेस की मौत ने बदली फिल्म की तकदीर, दो महीने पुरानी फिल्म देखने के लिए लगी लाइनें, आज भी नहीं इसका कोई तोड़

इस फिल्म को रिलीज हुए दो महीने हो चुके थे. रफ्तार धीमी थी. जैसे ही इसकी एक्ट्रेस का निधन हुआ, दर्शक इसे देखने के लिए टूट पड़े. ये फिल्म हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्म कहलाई. डेढ़ करोड़ के बजट में इसने छह करोड़ रुपये कमाए थे.

इस एक्ट्रेस की मौत ने बदली फिल्म की तकदीर, दो महीने पुरानी फिल्म देखने के लिए लगी लाइनें, आज भी नहीं इसका कोई तोड़
वो फिल्म जो हीरोइन के निधन के बाद हो गई सुपरहिट
नई दिल्ली:

बॉलीवुड फिल्मों का हिट फॉर्मूला रहा है, फिल्म के अंत में दर्शकों के पसंदीदा हीरो या हीरोइन की मौत. जिसके बाद फिल्म को इमोशनल टच भी मिलता है, फिल्म और एक्टर दोनों को दर्शकों का खूब प्यार भी मिलता है. सिने इतिहास में एक फिल्म ऐसी भी मौजूद है, जिसकी रिलीज के चंद महीने बाद फिल्म की एक्ट्रेस इस दुनिया को अलविदा कह गई. उनकी मौत के बाद दर्शकों ने उनकी फिल्म को इतना प्यार दिया कि वो फिल्म हिंदी बॉक्स ऑफिस पर हमेशा हमेशा के लिए यादगार बन गई. खास तौर से अपनी शानदार स्टोरी और एक्ट्रेस की दिल को छू जाने वाली परफॉर्मेंस के चलते दर्शक इस फिल्म को कभी भूल नहीं पाए. क्या आप जानते हैं क्या है इस फिल्म का नाम.

हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं. उस फिल्म का नाम है पाकीजा. फिल्म के एक से बढ़ कर एक गाने और फिल्म के शानदार डायलॉग्स कभी भुलाए नहीं जा सकते. इस फिल्म में लीड रोल में मीना कुमारी थीं. पूरी फिल्म की कहानी उनके इर्द गिर्द ही घूमती है. पाकीजा मूवी में मीना कुमारी ने एक तवायफ का रोल अदा किया. फिल्म में राजकुमार और अशोक कुमार भी अहम भूमिका में नजर आए. इस फिल्म को हमेशा ही मीना कुमारी के नफासत भरे डांस और नायाब अदायगी के लिए याद किया जाता रहा है. फिल्म का एक डायलॉग आज भी दर्शकों की जुबान पर होता है- आपके पैर देखे, बहुत हसीन हैं...ये फिल्म मीना कुमारी की सबसे यादगार फिल्म बन गई.

इस फिल्म को बनने और फिर रिलीज होने में 15 साल का वक्त लग गया. फिल्म का मूहुर्त हुआ था, साल 1957 में. इस बीच मीना कुमारी और कमाल अमरोही की शादीशुदा जिंदगी में चल रहे तनाव की वजह से फिल्म की शूटिंग काफी समय के लिए रुकी रही. उसके बाद फिल्म जैसे तैसे फिर फ्लोर्स तक पहुंची. शूटिंग शुरू हुई. फिल्म रिलीज हुई 1972 में. लेकिन इसे तुरंत ही लोगों का प्यार मिलना शुरू नहीं हुआ.

31 मार्च 1972 को खबर आई कि मीना कुमारी इस दुनिया में नहीं रही. लिवर सिरोसिस की वजह से उनकी मौत हो गई थी. इस खबर के बाद दर्शक अपनी फेवरेट एक्ट्रेस की फिल्म देखने टूट पड़े और फिल्म को जबरदस्त कामयाबी हासिल हुई. इस तरह दो महीने पुरानी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी हासिल की. ये फिल्म हिंदी सिनेमा के इतिहास की यादगार फिल्म बन गई. बताया जाता है कि फिल्म को एक करोड़ 50 लाख में बनाया गया था जबकि इसने छह करोड़ रुपये का कलेक्शन किया.

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