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This Article is From Aug 22, 2020

मानुषी छिल्लर ने अपने घर में खास अंदाज में किया गणपति का स्वागत

पहली बार अपने घर पर गणपति को रखने को लेकर रोमांचित मानुषी छिल्लर ने कहा,’: मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करूं और उनका जश्न मनाऊं.

मानुषी छिल्लर ने अपने घर में खास अंदाज में किया गणपति का स्वागत
मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar) ने अपने घर में खास अंदाज में किया गणपति का स्वागत
नई दिल्ली:

पहली बार अपने घर पर गणपति को रखने को लेकर रोमांचित मानुषी छिल्लर ने कहा,': मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करूं और उनका जश्न मनाऊं! अक्षय कुमार की पृथ्वीराज के जरिए बॉलीवुड में डेब्यू करने को तैयार एक्ट्रेस मानुषी छिल्लर पहली बार गणेश चतुर्थी मना रहीं हैं और वे इस बात से रोमांचित हैं! 23 वर्षीय खूबसूरत मिस वर्ल्ड वैसे तो मूल रूप से हरियाणा की हैं, लेकिन अब मुंबई भी उनका घर है और वे अपने पूरे परिवार के साथ अपने घर पर गणेश उत्सव मनाना चाहती हैं.

पहली बार अपने घर पर गणपति को रखने जा रहीं मानुषी, कहती हैं, मेरे माता-पिता हमेशा चाहते थे कि मैं विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करूं और उनका जश्न मनाऊं. मैं हरियाणा से हूं लेकिन मुंबई भी मेरा घर है. जब मैंने पहली बार शहर में गणपति महोत्सव का अनुभव किया तो इससे काफी रोमांचित हुई. महाराष्ट्र में लोग जिस ऊर्जा, प्यार और जुनून जिसके साथ गणपति को मनाते हैं वह वास्तव में विशेष है और मैं इससे मंत्रमुग्ध थी.

यह सब देख उन्हें भी तत्काल गणेश पूजा की इच्छा हुई और उन्होंने उसी वक्त गणपति को घर पर रखने का फैसला किया! मानुषी कहती हैं, मुझे याद है कि मैंने अपने माता-पिता से कहा था कि मैं घर पर गणपति पूजा करना चाहती हूं और उन्होंने तुरंत हां कह दिया। इससे मैं रोमांचित थी. उन्होंने कहा, मैं अपने घर पर गणपति को रख रही हूं औऱ यह पहला वर्ष है और मुझे इससे ज्यादा खुशी नहीं मिल सकती। वे कहतीं है, यह मेरे लिए बेहद खास पल है और मैं सभी की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करूंगी. 

देश की एक जागरूक नागरिक होने के नाते, मानुषी त्योहार को ईको-फ्रेंडली तरीके से मना रहीं हैं. उन्होंने बताया कि वे घर पर जिस गणपति को रख रहीं हैं वह इको-फ्रेंडली है. मूर्ति में बीज को शामिल किया गया है और इसलिए मैं इसका विसर्जन भी घर पर ही मिट्टी के गमले में करने जा रही हूं. मैं बीजों का अच्छी तरह से खयाल रखना चाहती हूं, ताकि यह अंकुरित हो.

चूंकि गणेश चतुर्थी के साथ ही त्योहारी मौसम की शुरूआत हो रही है, ऐसे में मानुषी का भारत के लोगों के लिए एक संदेश है। वे कहतीं हैं, इस तरह से त्योहारों को मनाना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोगों और संस्कृतियों को करीब लाता है. वे कहती हैं कि अगर हम इसे पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मना सकें, तो हम प्रकृति संरक्षण की दिशा में भी योगदान करेंगे.

मैं जिस तरह से गणपति को रखने जा रही हूं, उसके जरिए मैं इस संदेश के फैलने की भी उम्मीद कर रही हूं. अपने ग्रह की रक्षा और उसका संरक्षण हम सब पर ही निर्भर है, क्योंकि वास्तव में हम एक विशाल पारिस्थितिक संकट के बीच में हैं. यह महत्वपूर्ण समय है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए.

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