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This Article is From Feb 23, 2021

मधुबाला 14 साल की उम्र में बन गई थीं हीरोइन, दिल में छेद ने ले ली जान- पढ़ें हसीन चेहरे की दर्द भरी दास्तान

मधुबाला (Madhubala) की आज 52वीं पुण्यतिथि है. मधुबाला की फिल्म 'मुगल-ए-आजम (Mughal-E-Azam)' के अनारकली के कैरेक्टर ने उनकी दीवानगी को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया था. मधुबाला को बॉलीवुड की मर्लिन मुनरो (The Marilyn Monroe of Bollywood) भी कहा जाता है.

मधुबाला 14 साल की उम्र में बन गई थीं हीरोइन, दिल में छेद ने ले ली जान- पढ़ें हसीन चेहरे की दर्द भरी दास्तान
Madhubala 52nd Death Anniversary: मधुबाला 14 साल की उम्र में बन गई थीं हीरोइन
नई दिल्ली:

बॉलीवुड एक्ट्रेस मधुबाला (Madhubala) की आज 52वीं पुण्यतिथि है. मधुबाला की फिल्म 'मुगल-ए-आजम (Mughal-E-Azam)' के अनारकली के कैरेक्टर ने उनकी दीवानगी को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया था. मधुबाला को बॉलीवुड की मर्लिन मुनरो (The Marilyn Monroe of Bollywood) भी कहा जाता है. मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में हुआ था. मधुबाला  (Madhubala) के बचपन का नाम मुमताज जहां देहलवी था.इनके पिता का नाम अताउल्लाह और माता का नाम आयशा बेगम था. शुरुआती दिनों में इनके पिता पेशावर की एक तंबाकू  फैक्ट्री में काम करते थे. वहां से नौकरी छोड़ उनके पिता दिल्ली, और वहां से मुंबई चले आए, जहां मधुबाला का जन्म हुआ. 

मधुबाला (Madhubala) के बारे में खास बातें...

1. वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day) वाले दिन जन्मीं मधुबाला (Madhubala) के हर अंदाज में प्यार झलकता था. उनमें बचपन से ही सिनेमा में काम करने की तमन्ना थी. मुमताज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1942 की फिल्म 'बसंत' से की थी.

2. मधुबाला के अभिनय को देखकर उस समय की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी बहुत प्रभावित हुई और मुमताज जेहान देहलवी को अपना नाम बदलकर 'मधुबाला' के नाम रखने की सलाह दी.

3. 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' मुमताज के नाम से उनकी आखिरी फिल्म थी. इसके बाद वह मधुबाला के नाम से जानी जाने लगीं. इस फिल्म में महज चौदह वर्ष की मधुबाला ने राजकपूर के साथ काम किया. 

4. 'नील कमल' में अभिनय के बाद से मुधबाला सिनेमा की 'सौंदर्य देवी' कहा जाने लगा. इसके दो साल बाद मधुबाला ने बॉम्बे टॉकिज की फिल्म 'महल' में अभिनय किया और फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

5. मधुबाला ने उस समय के सफल अभिनेता अशोक कुमार, रहमान, दिलीप कुमार और देवानंद जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था. वर्ष 1950 के दशक के बाद उनकी कुछ फिल्में असफल भी हुईं. असफलता के समय आलोचक कहने लगे थे कि मधुबाला में प्रतिभा नहीं है बल्कि उनकी सुंदरता की वजह से उनकी फिल्में हिट हुई हैं. 

6. इन सबके बाबजूद मधुबाला कभी निराश नहीं हुईं. कई फिल्में फ्लॉप होने के बाद 1958 में उन्होंने एक बार फिर अपनी प्रतिभा को साबित किया और उसी साल उन्होंने भारतीय सिनेमा को 'फागुन', 'हावड़ा ब्रिज', 'काला पानी' और 'चलती का नाम गाड़ी' जैसी सुपरहिट फिल्में दीं.

7. 1960 के दशक में मधुबाला एक भयानक रोग से पीड़ित हो गई. शादी के बाद रोग के इलाज के लिए लंदन चली गईं. लंदन के डॉक्टर ने मधुबाला को देखते ही कह दिया कि वह दो साल से ज्यादा जीवित नहीं रह सकतीं.

8. जांच से पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है और इसकी वजह से इनके शरीर में खून की मात्रा बढ़ती जा रही थी. डॉक्टर भी इस रोग के आगे हार मान गए और कह दिया कि ऑपरेशन के बाद भी वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगी. इसी दौरान उन्हें अभिनय छोड़ना पड़ा. 

9. 1969 में मधुबाला ने फिल्म 'फर्ज' और 'इश्क' का निर्देशन करना चाहा, लेकिन यह फिल्म नहीं बनी और इसी वर्ष अपना 36वां जन्मदिन मनाने के नौ दिन बाद 23 फरवरी,1969 को बेपनाह हुस्न की मल्लिका दुनिया को छोड़कर चली गईं. 

10. मधुबाला (Madhubala) ने लगभग 70 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने 'बसंत', 'फुलवारी', 'नील कमल', 'पराई आग', 'अमर प्रेम', 'महल', 'इम्तिहान', 'अपराधी', 'मधुबाला', 'बादल', 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'जाली नोट', 'शराबी' और 'ज्वाला' जैसी फिल्मों में अभिनय से दर्शकों को अपनी अदा का कायल कर दिया. 

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