Bollywood Gold: फिल्म रजनीगंधा को उन फिल्मों की गिनती में रखा जाता है जो अपने गानों के दम पर मशहूर हुई. इस फिल्म के बनने के पीछे की चुनौतियों के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जैसे इसके नाम को लेकर फाइनेंसर सवाल करने लगे थे और स्टारकास्ट को लेकर भी किसी में उत्साह नहीं था. लेकिन, फिल्म के गानों की बात अलग थी. इस फिल्म (Rajanigandha) का ही एक गाना है 'कई बार यूं भी देखा है' जिसे मुकेश साहब (Mukesh) ने अपनी आवाज़ दी थी. अब इस गाने के लिखे जाने से लेकर रिकॉर्ड होने और परदे पर आने के पीछे कई दिलचस्प कहानियां हैं जो जानेंगे आज इस वीडियो में.
साल 1974 में बड़े परदे पर आई थी फिल्म रजनीगंधा. बासु चैटर्जी ने फिल्म को डायरेक्ट किया और कलाकार थे विद्या सिन्हा, अमोल पालेकर और दिनेश ठाकुर. फिल्म से जुड़ा पहला किस्सा तो यही है कि इस फिल्म की नायिका का रोल विद्या सिन्हा (Vidya Sinha) से पहले अपर्ना सेन करने वाली थीं. उनसे पहले भी कई 4-5 और लड़कियों को देखा गया था और फिर अपर्ना सेन को कंसीडर किया गया. लेकिन, अपर्ना सेन की मांगे ज्यादा थीं और वे फिल्म में अपोजिट रोल के लिए किसी बड़े हीरो को चाहती थीं. इस चलते अपर्ना की बजाय इस फिल्म के लिए विद्या को ही चुना गया.
अब बात करते हैं फिल्म के इस गाने, कई बार यूं भी देखा है की. संगीतकार थे सलिल चौधरी, गाना लिखा था लिरिसिस्ट योगेश (Yogesh) ने और आवाज़ दी थी मुकेश ने. अब इस गाने को लिखने का आइडिया योगेश को फिल्म के ही एक डायलॉग से आया था. किसी तरह के एक्शन से हटकर कोई सीन होता है तो उसके लिए गीत लिखना थोड़ा मुश्किल होता है इसीलिए योगेश को बार-बार स्क्रिप्ट को पढ़ना पड़ रहा था, वे कुछ ढूंढ रहे थे जो उन्हें मिल भी गया. फिल्म में एक डायलॉग था, जो सामने है वो ही सच है. इसी एक संवाद पर योगेश साहब ने गाने की पंक्ति लिखी, यह जो मन की सीमा रेख, मन तोड़ने लगता है.
कई बार यूं भी देखा है, मुकेश चंद माथुर उर्फ मुकेश की जिंदगी को वो गाना जिसे उन्होंने किसी हीरो के लिए नहीं बल्कि कहानी के लिए गाया. यह वो गाना है जिसने लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के टाइटल ट्रैक से लाइमलाइट लेकर मुकेश को दी. लेकिन, इस गाने को भी लता मंगेशकर से गवाया जाना था. लता मंगेशकर ने फिल्म का टाइटल ट्रैक रजनीगंधा फूल तुम्हारे गाया था, उन्हें दूसरा गाना भी गाने को दिया गया लेकिन उन्होंने 3000 रुपये फीस के तौर पर मांगे जोकि बहुत बड़ी रकम नहीं थी, लेकिन रजनीगंधा लो बजट की फिल्म थी. फिल्म को फाइनेंस करने में दिक्कत आ रही थी. ऐसे में मुकेश इस गाने को गाने के लिए सिर्फ 1000 रुपए में राजी हो गए और इस तरह कई बार यूं भी देखा है गाना मुकेश साहब का हो गया. इस गाने के लिए मुकेश को बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का नैशनल अवॉर्ड भी मिला था.
=Lata Mangeshkar की नहीं दे सके Fees तो Mukesh से Rs 1000 में गंवाया यह गाना | Bollywood Gold
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