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This Article is From Oct 09, 2023

इजरायल का वो स्पाई जो सीरिया का बनने वाला था डिफेंस मिनिस्टर, खुलासा होने बाद बीच चौराहे पर लटका दिया था सूली पर

एक बार फिर से इजरायल और हमास ग्रुप के बीच जंग जारी है. फिलीस्तीन में एक्टिव हमास ग्रुप ने 5000 हजार रॉकेट दागकर जंग की शुरुआत कर दी है. इजरायल और हमास की जंग में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और 2100 से ज्यादा घायल हो चुके हैं.

इजरायल का वो स्पाई जो सीरिया का बनने वाला था डिफेंस मिनिस्टर, खुलासा होने बाद बीच चौराहे पर लटका दिया था सूली पर
इजरायल का वो स्पाई जो सीरिया का बनने वाला था डिफेंस मिनिस्टर
नई दिल्ली:

एक बार फिर से इजरायल और हमास ग्रुप के बीच जंग जारी है. फिलीस्तीन में एक्टिव हमास ग्रुप ने 5000 हजार रॉकेट दागकर जंग की शुरुआत कर दी है. इजरायल और हमास की जंग में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और 2100 से ज्यादा घायल हो चुके हैं. इजरायल और फिलिस्तीन विवाद का इतिहास काफी लंबा रहा है. लेकिन क्या जानते हैं इजरायल का एक जासूस ऐसा भी था जिसने लंबे समय सीरिया की जासूसी की. इतना ही नहीं सीरिया की सरकार उस जासूस पर इतना भरोसा करती थी कि उसे अपने देश की सेना डिफेंस मिनिस्टर तक बनाने वाले हैं. 

इजरायल के इस जासूस का नाम एली कोहेन था. एली कोहेन पर नेटफ्लिक्स एक वेब सीरीज भी बन चुकी है, जिसका नाम द स्पाई है. इस सीरीज में सच्चा बैरन कोहेन ने इजरायली जासूस एली कोहेन का रोल किया है. द स्पाई वेब सीरीज साल 2019 में रिलीज हुई थी. द स्पाई में सच्चा बैरन कोहेन की एक्टिंग की जमकर तारीफ हुई थी. सीरीज की कहानी 1960 से शुरू होती है. द स्पाई में दिखाया गया है कि कैसे एली कोहेन ने एक बिजनेसमैन बन सीरिया की सत्ता में पैठ बना ली थी. सीरियाई राष्ट्रपति ने उन पर इतना भरोसा कर लिया था कि एली कोहेन जल्द सीरिया के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर बनने ही वाले थे कि उनकी जासूसी का पर्दाफाश हो गया था. 

दरअसल एली कोहेन सीरिया से इजरायल जानकारी भेजने के लिए रेडियो ट्रांसमिशन का इस्तेमाल करते थे. इजरायली जासूस उन्हें एक दिन में इसका ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए मना करते थे, लेकिन एली कोहेन रेडियो ट्रांसमिशन के इस्तेमाल को लेकर लापरवाही कर बैठे और सीरिया के काउंटर इंटेलिजेंस अफसरों ने उनके रेडियो सिग्नल को पकड़ लिया. जिसके बाद एली कोहेन की जासूसी का खुलासा किया. पकड़े जाने के बाद सीरिया की सैन्य अदालत ने उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई गई. साल 1966 में दमिश्क के एक चौराहे पर एली कोहेन को सरेआम फांसी पर लटका दिया गया था. हालांकि कोहेन की जासूसी का साल 1967 के अरब-इजरायल जंग में इजरायल की जीत में मुख्य भूमिका निभाई थी. 
 

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