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This Article is From Jul 06, 2022

Guru dutt love Story: गुरुदत्त इस टॉप एक्ट्रेस को दे बैठे थे दिल, पत्नी और बच्चों को भी भूला दिया था

गुरुदत्त की दुखद जीवन कहानी हमेशा से ही काफी चर्चा का विषय रही है. उन्हें ट्रजिक रोमांटिक फिल्मों के लिए जाना जाता है, जिसमें उन्होंने निर्देशन और अभिनय दोनों किया. गुरु दत्त ने 1964 में आत्महत्या कर ली. उस समय उनका बेटा अरुण आठ साल का था.

Guru dutt love Story: गुरुदत्त इस टॉप एक्ट्रेस को दे बैठे थे दिल, पत्नी और बच्चों को भी भूला दिया था
गीता रॉय के साथ गुरुदत्त
नई दिल्ली:

गुरुदत्त (Guru Dutt) के दुखद जीवन की कहानी हमेशा से ही काफी चर्चा का विषय रही है. उन्हें ट्रजिक रोमांटिक फिल्मों के लिए जाना जाता है, जिसमें उन्होंने निर्देशन और अभिनय दोनों किया. गुरु दत्त ने 1964 में आत्महत्या कर ली. उस समय उनका बेटा अरुण आठ साल का था. अरुण के एक पुराने इंटरव्यू को वाइल्ड फिल्म्स इंडिया चैनल द्वारा YouTube पर फिर से शेयर किया गया है, जिसमें अरुण ने गीता दत्त के साथ अपने पिता के तनावपूर्ण संबंधों के बारे में बात की है. उन्होंने बताया कि क्यों दोनों अलग हो गए.   

अरूण ने बताया कि उनके पिता के जीवन के अंत तक उनकी मां गीता और पिता दोनों का कोई रिश्ता नहीं रह गया था. 1963 में दोनों अलग हो गए. हम महबूब स्टूडियो के पास अपनी मां के साथ रहते थे, वह बाहर चले गए और पेडर रोड में रहने लगे. तब तक रिश्ता काफी तनावपूर्ण हो चला था. ऐसी अफवाहें थीं कि गुरु दत्त वहीदा रहमान के करीब थे और कागज के फूल की असफलता से तनाव में रहने लगे थे. और वित्तीय संकट से भी गुजर रहे थे. अरुण दत्त ने इस बारे में बताया कि ऐसा नहीं था, उनके पिता ने इस फिल्म के बाद तुरंत 'सुपर-डुपर हिट' चौधवीं का चांद के साथ वापसी की. 

उन्होंने बताया कि दरअसल, दोनों के रिश्ते में मूल रूप से विश्वास का टूटना था. जब मेरे पिता ने अपना करियर शुरू किया, तब मेरी मां टॉप पर थी. उसने महसूस किया कि उसके साथ कहीं ना कहीं विश्वासघात किया गया है. यह विश्वास का टूटना था, जो आपसी संघर्ष का कारण बना. गीता दत्त और गुरु दत्त का रिश्ता एक गलत मोड़ पर आकर टूट गया था, लेकिन इसके बावजूद गीता उन्हें आखिरी समय तक प्यार करती थी.  अरुण ने कहा, उनकी मां ने अपने पूर्व पति के मरने के बाद भी 1951 से 1962 तक उनके सभी पत्रों को सुरक्षित रखा था. उनकी मृत्यु के बाद उन्हें शादी के कई प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने नहीं किया.

बता दें कि गुरु दत्त हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग के क्लासिक्स जैसे प्यासा, कागज के फूल और साहेब बीबी और गुलाम के लिए जाने जाते हैं. गीता दत्त उनकी मौत के बाद एक नर्वस ब्रेकडाउन से पीड़ित हुईं और आठ साल बाद उनकी मृत्यु हो गई.  

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