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This Article is From Oct 01, 2018

Dr. Govindappa Venkataswamy ने की अरविंद आई हॉस्पिटल्स की स्थापना, यूं बदली नेत्र रोगियों की जिंदगी, Google ने बनाया Doodle

गूगल (Google) ने Dr. Govindappa Venkataswamy's 100th Birthday टाइटल से डूडल (Doodle) बनाया है. डॉक्टर गोविंदप्पा वेंकटस्वामी भारत के जाने-माने नेत्र चिकित्सक रहे हैं.

Dr. Govindappa Venkataswamy ने की अरविंद आई हॉस्पिटल्स की स्थापना, यूं बदली नेत्र रोगियों की जिंदगी, Google ने बनाया Doodle
Dr. Govindappa Venkataswamy Google Doodle: डॉक्टर गोविंदप्पा वेंकटस्वामी के 100वें जन्मदिन पर गूगल ने बनाया डूडल
नई दिल्ली: Google Doodle: डॉक्टर गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (Dr Govindappa Venkataswamy) पर गूगल (Google) ने Dr Govindappa Venkataswamy's 100th Birthday शीर्षक से डूडल (Doodle) बनाया है. डॉक्टर गोविंदप्पा वेंकटस्वामी नेत्र चिकित्सक (Ophthalmologist) थे, और उन्होंने लाखों की जिंदगी में रोशनी फैलाई थी. तमिलनाडु के वडामल्लपुरम में 1 अक्टूबर, 1918 को जन्में डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (Dr Govindappa Venkataswamy) ने देश में अंधेपन से जूझ रहे लोगों की आंखों को रोशनी देकर उनकी जिंदगी में उजाला भरा. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी के 100वें जन्मदिवस पर Google Doodle बनाया है.

चेन्नई के स्टैनली मेडिकल कॉलेज से डिग्री लेने के बाद डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (Dr Govindappa Venkataswamy) ने नेत्र विज्ञान की पढ़ाई की और आंखों की रोशनी गंवा रहे लोगों की जिंदगी में प्रकाश डाला. 87 साल की उम्र में 7 जुलाई, 2006 को गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी) ने दुनिया से अलविदा कह दिया. पद्माश्री (Padma Shri) से सम्मानित डॉ. गोविंदाप्पा वेंकटस्वामी ने 1 लाख से ज्यादा आंखों की सर्जरी कर, दृष्टिहीनों को जीने की वजह दी. 

डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (Dr. Govindappa Venkataswamy) अरविंद आई हॉस्पिटल्स के संस्थापक भी है, जो आंखों के इलाज का दुनिया में सबसे अस्पतालों के नेटवर्क के तौर पर पहचाना जाता है. डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को कम लागत में आंखों के उच्चस्तरीय इलाज के लिए लोकप्रियता हासिल है. अरविंद आई केयर सिस्टम में अबी तक साढ़े पांच करोड़ लोगों का इलाज हो चुका है और 68 लाख सर्जरी की जा चुकी हैं. 

वैसे, भारतीय सिनेमा में सितारों ने शारीरिक विकलांगता जैसे अंधापन, मानसिक बीमारी, चलने में असमर्थता, बोलने में दिक्कत जैसी कई मुद्दों को पर्दे पर उकेरा गया है. हालांकि, इन किरदारों को निभाया आसान नहीं होता, बावजूद इसके सितारों ने इन कैरेक्टर्स ने साथ न्याय किया. दृष्टिहीनता जैसे मुद्दों पर भी कई फिल्में बनाई गई हैं, जिसे जमकर पसंद भी किया गया. जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म 'अंधाधून' में आयुष्मान खुराना एक ऐसा ही कैरेक्टर प्ले करते नजर आएंगे. फिल्म में राधिका आप्टे और तब्बू भी होंगी. गूगल ने Dr. Govindappa Venkataswamy पर आज का डूडल बनाया है.



'ब्लैक (2005)'
'ब्लैक' का निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया. 'ब्लैक' एक ऐसी लड़की की कहानी है जो ना देख सकती है, ना बोल सकती है और ना ही सुन सकती है. फिल्म में इस लड़की का चरित्र निभाया है रानी मुखर्जी ने. इनके शिक्षक के रूप में अमिताभ बच्चन दिखे.

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'फना (2006)'
निर्देशन कुणाल कोहली की फिल्म 'फना' में आमिर खान ने एक टूरिस्ट गाइड का किरदार निभाया है, जो एक ऐसी कश्मीरी लड़की को अपना दिल दे बैठता है. जो देख नहीं पाती. काजोल ने एक दृष्टिहीन लड़की का किरदार निभाया है.



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'काबिल (2017)'
ऋतिक रोशन और यामी गौतम ने फिल्म 'काबिल' में दृष्टिहीन कपल का किरदार निभाया है. यामी गौतम की हत्या होने के बाद ऋतिक गुनहगारों से बदला लेते है.



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'आंखें (2002)'
फिल्म 'आंखे' में अमिताभ बच्चन ने मास्टमाइंड की भूमिका निभाई है, जोकि तीन दृष्टिहीन लोग (अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल और परेश रावल) की मदद से बैंक में चोरी करता है.

...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...

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