K.L. Saigal's 114th Birthday
नई दिल्ली:
भारत के दिग्गज गायक और अभिनेता के.एल. सहगल के 114वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया. जम्मू में 11 अप्रैल 1904 को जन्मे कुंदनलाल सहगल ने अपने सिने करियर में 185 गाने गाए और उनके गीत आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैं. आप उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि लता मंगेशकर, किशोर कुमार से लेकर मुकेश तक के. एल. सहगल को अपना गुरू मानते थे. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किताब 'सुर लता' में लता मंगेशकर ने अपने खुद को के. एल. सहगल का भक्त बताया है. उन्होंने सहगल के साथ जुड़ी अपनी अधूरी ख्वाहिश का भी खुलासा किया है.
गूगल ने बनाया डूडल, 'जब दिल ही टूट गया' से पूरे देश को के.एल. सहगल ने किया था इमोशनल
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सहगल से जुड़ी अपनी अधूरी इच्छाओं के बारे में लता मंगेशकर बताती हैं, "अगर उनके साथ गा नहीं सकी, तो कम से कम उन्हें सामने से देखूंगी और अनुरोध करके कुछ जरूर सुनूंगी. अफसोस, कि मैं सहगल साहब को मिलने और देखने से वंचित रही हूं."
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बता दें, भारत के पहले सुपरस्टार का दर्जा प्राप्त करने वाले के.एल. सहगल ने हिंदी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, तमिल और पर्शियन भाषाओं में गीत गाए. उन्होंने साल 1935 में पी सी बरुआ की फिल्म 'देवदास' में मुख्य किरदार निभाया' इसमें गाए उनके गीत टबालम आये बसो..' और 'दुख के दिन अब बीतत नाही'’ को भारतीय सिनेमा में 'मील का पत्थर' कहा जाता है'. 'प्रसीडेंट' को उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक कहा जाता है जिसका गीत 'एक बंगला बने..' इतिहास के पन्नों में अमर हो गया. इसकी कामयाबी के बाद वह बतौर गायक शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंचे. साल 1947 में 42 साल की उम्र में सहगल ने दुनिया को अलविदा कह दिया और उनके प्रशंसकों का 'जब दिल ही टूट गया...
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
(इनपुट: भाषा)
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यतींद्र मिश्र की किताब 'सुर लता' में गायका ने बताया कि उनकी के.एल. सहगल से कभी मुलाकात नहीं हुई. बकौल लता मंगेशकर, "मैं उनको नहीं मिल पाई. मैंने सहगल साहब की जो भी तस्वीर बनाई है, उसे फिल्मों में जा-जाकर देखने और उनके गानें सुनकर बनाई है. हमारा पूरा परिवार सहगल भक्त था. बचपन में जब मैं गाना सीख ही रही थी और पिताजी भी मौजूद थे, उसी समय से मेरे मन में यह बड़ी तीव्र इच्छा पल रही थी कि कभी मौका लगा तो सहगल साहब के साथ जरूर गाऊंगी.Tribute to KL SAIGAL on birth anniversary.
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) April 11, 2018
Legendary Singer/Actor born in Jammu; considered as the first superstar. He worked as railway timekeeper & typewriter salesman before his debut in New theatres.
Seen here in & as ‘Devdas’ with Jamuna and in ‘Lagan’ with Kanan Devi. pic.twitter.com/OCBMH1e8Ga
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सहगल से जुड़ी अपनी अधूरी इच्छाओं के बारे में लता मंगेशकर बताती हैं, "अगर उनके साथ गा नहीं सकी, तो कम से कम उन्हें सामने से देखूंगी और अनुरोध करके कुछ जरूर सुनूंगी. अफसोस, कि मैं सहगल साहब को मिलने और देखने से वंचित रही हूं."
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बता दें, भारत के पहले सुपरस्टार का दर्जा प्राप्त करने वाले के.एल. सहगल ने हिंदी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, तमिल और पर्शियन भाषाओं में गीत गाए. उन्होंने साल 1935 में पी सी बरुआ की फिल्म 'देवदास' में मुख्य किरदार निभाया' इसमें गाए उनके गीत टबालम आये बसो..' और 'दुख के दिन अब बीतत नाही'’ को भारतीय सिनेमा में 'मील का पत्थर' कहा जाता है'. 'प्रसीडेंट' को उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक कहा जाता है जिसका गीत 'एक बंगला बने..' इतिहास के पन्नों में अमर हो गया. इसकी कामयाबी के बाद वह बतौर गायक शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंचे. साल 1947 में 42 साल की उम्र में सहगल ने दुनिया को अलविदा कह दिया और उनके प्रशंसकों का 'जब दिल ही टूट गया...
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(इनपुट: भाषा)
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