Father's Day 2021: मां-बच्चों के प्यार पर ढेरों हिंदी फिल्में बनी हैं तो कुछ ऐसी फिल्में भी मिल ही जाएंगी जो बच्चों और पिता के बीच के बॉन्ड को शानदार तरीके से प्रदर्शित करती है. मां की तुलना में पिता के प्यार पर बनी फिल्मों की फेहरिस्त जरा छोटी है. पर, फादर्स डे पर पिता के प्यार की महक को आप तक पहुंचाने के लिए काफी है.
दंगल
ये एक ऐसे पिता की कहानी है, जो कुश्ती में देश के लिए मैडल लाना चाहता है. और इस सपने को पूरा करने के लिए बेटे की हसरत पाले बैठा है. ईश्वर उसे बेटा तो नहीं देता, लेकिन बेटियां इस पिता के सपने को बखूबी पूरा करती हैं. पिता की भूमिका में आमिर खान ने जबरदस्त छाप छोड़ी है.
दृश्यम
पिता के प्यार पर बनी ये सस्पेंस थ्रिलर मूवी है. जिसमें अपनी बेटी और परिवार को बचाने के लिए पिता उनके किए गुनाह के हर सूबत को तो मिटाता ही है. ढाल बन कर अपने परिवार की रक्षा भी करता है. पिता के रोल में अजय देवगन ने बेहद उम्दा काम किया है.
102 नॉट आउट
एक सौ दो साल की उम्र का पिता और इससे कुछ साल छोटा बेटा. अमिताभ बच्चन ने बेहद ही उम्रदराज पिता की भूमिका अदा की है. बेटा चाहे बूढ़ा ही क्यों न हो जाए पिता के लिए वो बच्चा ही रहता है. इस फिल्म में भी वयोवृद्ध अमिताभ का बुजुर्ग बेटा जिंदगी से ताल मिलाने में पिछड़ता है तो बूढ़ा पिता फिर उसे जीना सिखाता है.
रिश्ते
ये कहानी है एक अकेले पिता की. जो अपने ही बेटे को किडनेप करने पर मजबूर हो जाता है. ऐसे हालात क्यों बनते हैं ये जानने के लिए फिल्म देखना जरूरी है. अनिल कपूर ने सिंगल पेरेंट का रोल अदा किया है. जिनकी एक्टिंग ने फिल्म में पिता के किरदार में जान डाल दी है.
अकेले हम अकेले तुम
इस फिल्म में पहले रोमांस है फिर शादी. और फिर माता पिता का बंटा हुआ प्यार. आमिर खान और मनीषा कोइराला एक प्यारे से बच्चे के मम्मी पापा की भूमिका में हैं. शादी टूटने के बाद आमिर अपने बेटे की जिम्मेदारी लेते हैं. अलग अलग परिस्थितियों में जिम्मेदारी कैसा अदा करते हैं. बस इसी पर बेस्ड है ये मूवी.
पीकू
बचपन में पिता अपने बच्चों की उंगली थाम कर चलना सिखाते हैं. बुढ़ापे में वही बच्चे पिता का सहारा बनते हैं. एक अनॉइंग से बूढ़े पिता और एक प्यारी सी बेटी की कहानी है पीकू. अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण के बीच की लाजवाब केमिस्ट्री से सजी हल्की फुल्की मूवी है पीकू.
पा
फिल्म का नाम ही पा है. जाहिर है फिल्म के पिता और उसके जज्बात के इर्द गिर्द बुनी गई है. दिलचस्प बात ये है कि फिल्म में पिता बने हैं अभिषेक बच्चन और बेटे के किरदार में अमिताभ बच्चन हैं. बेटे को एक जेनेटिक डिसऑर्डर है प्रोजेरिया. इस बीमारी में पिता अपने बेटे और परिवार का हौसला कैसे बना कर रखता है. ये देखना बेहद दिलचस्प है.
छिछोरे
फिल्म पापा और बेटे की एक अलग ही केमिस्ट्री पर बेस्ड है. एक नाकामी के बाद हिम्मत हार चुके बेटे को वापस खुद पर यकीन दिलाने के लिए पिता क्या क्या जतन करता है बस यही फिल्म की थीम है. पिता के रोल में सुशांत सिंह राजपूत ने दिल जीत लेने वाला काम किया है.
मासूम
नसीरुद्दीन शाह और जुगल हंसराज, ऑनस्क्रीन पिता पुत्र की इस जोड़ी ने लोगों का दिल जीत लिया था. एक ऐसे पिता की कहानी जिनकी हंसती खेलती फैमिली लाइफ में एक अनचाहा बेटा आ जाता है. जिसकी खातिर पिता अपने परिवार को छोड़ देता है पर जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ता.
बागबां
वैसे तो इस थीम पर बहुत सी फिल्में बनी. अवतार, जैसी करनी वैसी भरनी और भी बहुत सी. उसी तर्ज पर बनी फिल्म हैं बागबां. अमिताभ बच्चन एक ऐसा पिता जिसके तीन बेटे हैं फिर भी बुढ़ापे में सहारा तलाशना पड़ रहा है. इस बीच एक गोद लिया बेटा कैसे पिता के प्यार को समझता है और सम्मान देता है बस यही फिल्म की कहानी है.
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