घोड़े की सवारी पर बैठा ये बच्चा आज बॉलीवुड की बुलंदियों पर सवार है. जिस उम्र में कुछ एक्टर या एक्ट्रेस काम कम करने लगते हैं या रिटायरमेंट की प्लानिंग करते हैं उस उम्र में इस बच्चे ने फिल्मी दुनिया की सीढ़ियां चढ़ना शुरू की. कुछ ही समय में अपनी पहचान बनाई. उससे पहले तक हालात ये थे कि ये बच्चा होटलों में काम करते हुए घर चला रहा था. केक बेचते बेचते एक कोरियोग्राफर से पहचान हुई और जिंदगी बदल गई. क्या आप फिल्मों पर राज कर रहे इस बच्चे को पहचान पाए?
आप अब तक नहीं पहचाने हों तो बता दें कि ये हंसती मुस्कुराती तस्वीर है बोमन ईरानी की, जो बचपन से ही इतने खुश मिजाज नजर आते हैं. बोमन ईरानी के पिता की मृत्यु काफी कम उम्र में हो गई थी. मां एक बेकरी चलाते हुए घर का खर्च चलाती थीं. मां का हाथ बंटाने के लिए बोमन ईरानी ने भी वेटर का काम शुरू कर दिया. वो होटल ताज की रूम सर्विस का स्टाफ भी रहे. जहां लोगों के कमरों तक जाकर खाना सर्व करना और दूसरे कामों को अंजाम देना उनकी ड्यूटी में शामिल था.
बोमन ईरानी अपनी मां की बेकरी में भी काम करते हुए उनका हाथ बंटाते थे. यहां एक दिन उनकी मुलाकात मशहूर कोरियोग्राफर श्यामक डावर से हुई. इस मुलाकात ने बोमन ईरानी की जिंदगी को वो दिशा दी, जिसके बारे में खुद उन्होंने कभी सोचा नहीं था. श्यामक डावर ने उन्हें एक्टिंग की तरफ डायवर्ट किया. श्यामक डावर की सलाह पर बोमन ईरानी ने थियेटर में काम करना शुरू किया. उनकी एक्टिंग स्किल्स धीरे धीरे निखरती चली गईं और उन्हें दो अंग्रेजी फिल्में एवरीबॉडी सेज आई एम फाइन और लेट्स टॉक करने का मौका मिला. इसके बाद रुख हिंदी फिल्मों का हुआ. यहां एक्टर को असल पहचान मिली मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म से, जिसके बाद बोमन ईरानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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