Dilip Kumar: बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग और सुपरहिट फिल्मों से खान साहब के नाम से जाने जाने वाले दिलीप कुमार सौदागर, आग का दरिया, कानून अपना अपना, मशाल और दुनिया जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके हैं. क्या आपको पता है कि दिलीप साब ने एक ऐसी फिल्म के लिए मना कर दिया था जिसको 7 ऑस्कर अवार्ड मिले थे. 1962 में मशहूर डायरेक्टर डेविड लीन को अपनी फिल्म लॉरेंस ऑफ अरेबिया के किरदार प्रिंस शेरिफ अली के लिए भारतीय चेहरे की तलाश थी. इस रोल के लिए डेविड लीन ने दिलीप साब को अप्रोच किया, लेकिन उन्होंने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया. दिलीप कुमार ने इसकी वजह बताई थी कि उन्होंने रोल को उस पैमाने पर आंका जैसे हिंदी सिनेमा में उन्हें रोल मिल रहे थे. दिलीप साब को लगा कि उन्हें खुद को साबित या संतुष्ट करने के लिए हॉलीवुड की जरूरत नहीं थी. उन्होंने अपने पूरे करियर में किसी विदेशी फिल्म में काम नहीं किया. बता दें कि जिस फिल्म को दिलीप साब ने करने से मना किया था वह 35वें ऑस्कर पुरस्कारों में 10 कैटेगरी में नॉमिनेट हुई. जिसमें से फिल्म को 7 ऑस्कर अवॉर्ड मिले थे.
दिलीप कुमार को क्यों कहते हैं ट्रेजड़ी किंग
बॉलीवुड में दिलीप कुमार को ट्रेजड़ी किंग के नाम से भी जाना जाता है. इसकी वजह है उनकी कुछ फिल्में. उन्होंने अपने करियर में कुछ ऐसी फिल्में की जिसकी वजह से उनका नाम ट्रेजड़ी किंग के नाम से पुकारा जाने लगा. कई फिल्मों में उनके ऐसे रोल थे जिसकी वजह से उनको ये नाम मिला. बता दें उनकी फिल्म के कुछ किरदार ऐसे भी थे कि जिसकी वजह से वो तनाव में आ गए थे और उनका इलाज भी चला था. साल 1998 में आई फिल्म 'किला' में वो आखिरी बार नजर आए थे. दिलीप कुमार को 1994 में दादासाहेब फाल्के अवार्ड और 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था.
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