चेतन भगत का कृषि बिल को लेकर Tweet, बोले- कोई बिल परफेक्ट नहीं है...

किसानों और बिल को लेकर ही मशहूर लेखक चेतन भगत (Chetan Bhagat) ने ट्वीट किया है, जो खूब सुर्खियां बटोर रहा है. अपने ट्वीट में चेतन भगत ने लिखा कि कोई भी बिल सही नहीं है.

चेतन भगत का कृषि बिल को लेकर Tweet, बोले- कोई बिल परफेक्ट नहीं है...

चेतन भगत (Chetan Bhagat) ने कृषि बिल को लेकर किया ट्वीट

खास बातें

  • कृषि बिल को लेकर चेतन भगत का ट्वीट हुआ वायरल
  • चेतन भगत ने कहा कि कोई बिल उचित नहीं है...
  • चेतन भगत ने बिल में बदलाव को लेकर कही यह बात
नई दिल्ली:

केंद्र के कृषि बिलों (Farm Bill) को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. कई बॉलीवुड कलाकार और पंजाबी कलाकार भी किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं. हाल ही में किसानों और बिल को लेकर ही मशहूर लेखक चेतन भगत (Chetan Bhagat) ने ट्वीट किया है, जो खूब सुर्खियां बटोर रहा है. अपने ट्वीट में चेतन भगत ने लिखा कि कोई भी बिल सही नहीं है. यदी कृषि बिल से जुड़ी चिंताएं हैं तो उसका समाधान बैठकर, बातचीत कर और बदलाव के द्वारा ही लाया जा सकता है. चेतन भगत के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर भी खूब कमेंट कर रहे हैं. 

चेतन भगत (Chetan Bhagat) ने अपने ट्वीट में कृषि बिल के बारे में बात करते हुए लिखा, "कोई भी बिल परफेक्ट नहीं है. यदि कृषि बिल से जुड़ी चिंताएं हैं तो उसका समाधान बैठकर, बात करके और बदलाव से ही लाया जा सकता है. हालांकि, विधेयक को वापस लेने की मांग, भारतीय कृषि के लिए एक कदम पीछे होगा, जिसे कुटीर उद्योग से ऊपर उठकर पूंजीवाद और गहन सुधार की भी आवश्यकता है." चेतन भगत का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बता दें कि चेतन भगत अकसर समसामयिक मुद्दों पर बेबाक अंदाज में अपने विचार पेश करते हुए दिखाई देते हैं. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

कृषि बिल (Farm Bill) की बात करें तो केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को एक लिखित प्रस्ताव दिया है, जिसमें कहा गया है कि नए कृषि कानूनों में MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य बना रहेगा. वहीं, किसानों की ओर से मांग की गई है कि सरकार इन कानूनों को ही वापस ले. किसान संगठनों ने कहा था कि वो सरकार की ओर से आए हुए प्रस्ताव पर फैसला लेंगे. इसके पहले मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने भी किसान नेताओं के साथ एक मीटिंग बुलाई थी लेकिन वो भी बेनतीजा रही. किसानों का कहना है कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा.