काली पहाड़ी पर एक शैतान था. जिसका नाम था नेवला. जिसने वहां रहने वाले लोगों की जिंदगी में तूफान ला दिया था. बेशक यह कहानी कुछ अटपटी लग सकती है. लेकिन यह कहानी परदे पर जब आई तो दर्शकों का खूब प्यार बटोरा. हिंदी सिनेमा में स्तरीय हॉरर फिल्मों की घोर कमी है. कुछ फिल्में 1980-90 के दशक में बनीं भी लेकिन वह उस स्तर की नहीं थी जिनसे दर्शक सिनेमाघर तक पहुंच सके. रामसे ब्रदर्स इन हॉरर फिल्मों के किंग थे. इन्होंने कई हॉरर फिल्में बनाईं. जिनमें से कुछ दर्शकों ने पास कीं तो कुछ रिजेक्ट. इनमें ही एक ऐसी फिल्म यह भी थी जिसमें काली पहाड़ी के नेवला का कहर पूरी फिल्म में नजर आता है. दिलचस्प यह कि इस फिल्म ने अपने बजट का दोगुना कलेक्शन किया था.
'हम बात कर हैं हॉरर मूवी 'बंद दरवाजा' की. फिल्म 1990 में रिलीज हुई थी. इसमें हॉरर के बादशाह श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने डायरेक्ट किया था. 'बंद दरवाजा' में कुनिका, चेतना दास, मंजीत कुल्लर, अरुणा ईरानी, अनिरुद्ध अग्रवाल और अपान एक्टर हश्मत खान नजर आए थे. इस हॉरर मूवी का म्यूजिक आनंद-मिलिंद ने दिया. यह डरावनी फिल्म 7 मई, 1990 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. अगर इसके बजट की बात करें तो वो लगभग 40 लाख रुपये बताया जाता है. इस तरह यह उस दौर के हिसाब से भी एक औसत बजट फिल्म थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 96 लाख रुपये का कारोबार किया था.
हॉरर मूवी 'बंद दरवाजा' को यूट्यूब पर मुफ्त में देखा जा सकता है. यह फिल्म गोल्डमाइन्स के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है. इस तरह 1990 के दौर की एक्शन फिल्मों के दीवानों के लिए बंद दरवाजा एक परफेक्ट ट्रीट है. फिर रामसे ब्रदर्स ही बॉलीवुड में हॉरर फिल्में लाने और बनाने के लिए पहचाने जाते हैं.
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