First Act Review: परदे पर दिखने वाले हंसते-खेलते बचपन की हकीकत दिखाती है 'फर्स्ट एक्ट'

First Act Review: अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई इस वेब सीरीज में बाल कलाकार और उनकी जिंदगी से जुड़े संघर्षों को बखूबी देखा जा सकता है.

First Act Review: परदे पर दिखने वाले हंसते-खेलते बचपन की हकीकत दिखाती है 'फर्स्ट एक्ट'

First Act Review: जानें कैसी है अमेजॉन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज

नई दिल्ली:

रील पर नजर आने वाले बाल कलाकार रियल लाइफ में किस तरह जीते हैं. उनके क्या संघर्ष होते हैं और वह किस तरह से परदे पर सामने आने और बने रहने के लिए संघर्ष करते हैं. यही बात देखने को मिलती है अमेजॉन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज 'फर्स्ट एक्ट' में. छह एपिसोड वाली इस अनस्क्रिप्टेड सीरीज में छह एपिसोड हैं और इसमें छह बाल कलाकारों की जिंदगी को पेश करने की कोशिश की गई है. यह सीरीज मनोरंजन की दुनिया के पीछे के सच को दिखाती है और इसे देखने के बाद अच्छे से समझ आ जाता है कि इन बाल कलाकारों के लिए जिंदगी आसान नहीं है.

फर्स्ट एक्ट में सारिका जुगल हंसराज, दर्शील सफारी और परजान दस्तूर जैसे बाल कलाकारों की जिंदगी और उनके संघर्ष से रूबरू होने का मौका मिलता है. इनसे पेश की गई बातचीत काफी दिलचस्प है और कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आती हैं. इस तरह इस सीरीज में छह फेम बाल कलाकाोरों की जिंदगी में झांका जा सकता है. इस तरह की सीरीज बहुत ही कम देखने को मिलती हैं, जिसमें इतने अहम मसले को इतने मनोरंजक और तथ्यों के साथ पेश किया गया है. 

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सीरीज को दीपा भाटिया ने डायरेक्ट किया है और अमोल गुप्ते इसके क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं. दीपा ने दिखाया है कि किस तरह ये बच्चे ना सिर्फ अपने सपने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं बल्कि वो अपने मां-बाप की जिंदगी को बदलने का भी ख्वाब सजाए हुए हैं. इस सीरीज में जाने-माने फिल्म निर्देशकों के इंटरव्यू भी काफी इनसाइट देते हैं. कुल मिलाकर बाल कलाकारों, उनके संघर्ष को दिखाती और उनके लिए संतुलित बचपन की वकालत करती फर्स्ट एक्ट एक सराहनीय प्रयास है.