भोजपुरी, साउथ और हिंदी फिल्मों में कमाल की एक्टिंग के साथ छाने वाले वर्सेटाइल अभिनेता रवि किशन ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट ‘बन मस्का चाय' को लेकर सोमवार को आईएएनएस से बात की. उन्होंने अपने रोल, भोजपुरी सिनेमा, राजनीति समेत अन्य मुद्दों पर भी जानकारी दी. रवि किशन ने ‘बन मस्का चाय' के बारे में कहा, “यह एक शॉर्ट फिल्म है जो मेरे दिल के करीब है. ‘लापता लेडीज' में काम के बाद मैं एक ऐसा प्रोजेक्ट चाहता था जो अनोखा हो और मुझे 'बन मस्का चाय' के रूप में शानदार स्क्रिप्ट का सौभाग्य मिला."
फिल्म के अन्य सितारों के बारे में उन्होंने कहा, "रक्षित के अभिनय ने मुझे चकित कर दिया. निर्देशक आनंद अय्यर की कहानी कहने की शैली आम और जमीन से जुड़ी है. पूरी टीम कहानी को लेकर भावुक थी, जिन लोगों को ‘लापता लेडीज' में मेरा काम पसंद आया, वे मुझे ‘बन मस्का चाय' में भी पसंद करेंगे."
फिल्म में अपने रोल को लेकर वर्सेटाइल अभिनेता ने कहा, "शॉर्ट फिल्म में मैं एक अलग तरह की भूमिका निभा रहा हूं. ‘लापता लेडीज' में मैंने एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई थी, लेकिन ‘बन मस्का चाय‘ में एक पेशेवर शूटर की भूमिका में हूं. मेरा हमेशा से ऐसा मानना रहा है कि मैं कुछ ऐसा करूं जो मैंने अपने 33 साल के करियर में खुद से सीखा. मैं सहजता के साथ काम करने को तवज्जो देता हूं."
‘बन मस्का चाय' जैसी स्क्रिप्ट में दर्शकों को बांधे रखने के लिए सहजता की बहुत आवश्यकता होती है. ऐसे में ओवर एक्टिंग से बचना जरूरी है. फिल्म में एक्टिंग ऐसी हो कि दर्शक फिल्म से जुड़ जाएं. यही मेरा लक्ष्य रहा है. मुझे विश्वास है कि प्रशंसक इसे सराहेंगे. आनंद अय्यर ने इस प्रोजेक्ट का निर्देशन बेहतरीन तरीके से किया है."
बातचीत के दौरान अभिनेता से जब पूछा गया कि आपने अक्सर बड़े बजट की फिल्मों में काम किया है. आप ‘बन मस्का चाय' जैसे छोटे बजट की प्रोजेक्ट की ओर कैसे आकर्षित हुए, तो उन्होंने कहा, “मुझे इस फिल्म की ओर आकर्षित करने वाली चीज आनंद अय्यर की स्क्रिप्ट और रक्षित की एक्टिंग लगी. रक्षित में मैंने एक चमक देखी. मैं नई प्रतिभाओं का समर्थन करने में विश्वास करता हूं क्योंकि इंडस्ट्री को नए चेहरों और मजबूत कलाकारों की जरूरत है. मेरे लिए बजट मायने नहीं रखता. टीम का जुनून मायने रखता है. आनंद और रक्षित के उत्साह ने मुझे इस प्रोजेक्ट में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया."
अभिनेता ने एक्टिंग और राजनीति दोनों के बीच सामंजस्य को लेकर भी बात की और कहा, “यह एक दोहरी जिम्मेदारी है, जिसे मैंने अपनाया है. राजनीति में मैं गोरखपुर के सांसद के रूप में हूं और अभिनय मेरा पेशा है. प्रधानमंत्री मोदी की शिक्षाओं ने भी मुझे इन दोनों भूमिकाओं को प्रभावी ढंग से संतुलित करने के लिए गाइड किया.“ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर किशन ने कहा, “मैंने भोजपुरी इंडस्ट्री को 450 से भी ज्यादा फिल्में दी हैं. अब, युवा पीढ़ी को बागडोर संभालनी है. मुझे उम्मीद है कि वे प्रतिभाशाली निर्देशकों और मजबूत लेखकों को खोजने पर फोकस करेंगे."
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