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This Article is From Sep 05, 2020

अध्ययन सुमन ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर इंटरव्यू में कहा- ना वह मेरा दोस्त था, ना भाई लेकिन....

शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन (Ahyayan Suma) ने इंटरव्यू के दौरान सुशांत सिंह राजूपत केस और इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर की बाते कही हैं.

अध्ययन सुमन ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर इंटरव्यू में कहा- ना वह मेरा दोस्त था, ना भाई लेकिन....
अध्ययन सुमन (Adhyayan Suman) ने इंटरव्यू में सुशांत सिंह राजपूत को लेकर कही ये बात
नई दिल्ली:

बॉबी देओल (Boby Deol) स्टारर और प्रकाश झा (Prakash Jha) निर्देशित वेबसीरीज 'आश्रम (Aashram)' रिलीज हो गई है. धर्म के आडंबरों को तोड़ती हुई यह सीरीज एक ऐसे 'बाबा' की कहानी है, जो धर्म और सेवा की आड़ में लोगों का शोषण करता है. इस सीरीज में बॉबी देओल काशीपुर वाले 'बाबा निराला' का किरदार निभा रहे हैं, जो धर्म के नाम पर लोगों को ठगता है. वहीं, सीरीज में एक्टर अध्ययन सुमन (Adhyayan Suman) 'टिंका सिंह (Tinka Singh)' का किरदार निभा रहे हैं, जो बाबा निराला के झांसे में फंस जाता है. हाल ही में एक्टर अध्ययन सुमन ने अपनी सीरीज 'आश्रम' को लेकर एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि सीरीज के दौरान शूटिंग का एक्सपीरियंस कैसा रहा, साथ ही अध्ययन ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) केस को लेकर भी खुलकर अपनी बात रखी.

एक्टर अध्ययन सुमन (Adhyayan Suman) ने 'आश्रम (Aashram)' में अपने एक्सपीरियंस को लेकर कहा, "आश्रम में काम करने का मेरा एक्सपीरियंस काफी उम्दा रहा, क्योंकि हर एक एक्टर का सपना रहता है प्रकाश झा जैसे डायरेक्टर के साथ काम करने का. मैंने प्रकाश जी के साथ ही अपनी पहली नौकरी की थी, 17 साल की उम्र में. मैं प्रकाश झा का असिस्टेंट था और आज मैं उनके साथ सीरीज में काम कर रहा हूं, तो यह बहुत ही खुशकिस्मती की बात है. मेरा शो हिट तो हुआ ही है, साथ ही मेरे किरदार टिंका सिंह को भी लोगों ने काफी पसंद किया है." अपने किरदार 'टिंका सिंह' को लेकर एक्टर ने कहा, "मेरा कैरेक्टर किसी से इंस्पायर नहीं है. जब मुझे प्रकाश जी ने इस किरदार के बारे में बताया था, तो तभी से टिंका सिंह (Tinka Singh) ने जन्म लेना शुरू कर दिया था. मैंने किसी को फॉलो नहीं किया. बहुत पहले ऐसा हुआ था कि जब मैं पार्टियों में गया था, तो वहां कुछ लोग ड्रग्स कर रहे थे. हालांकि, मैंने कभी ड्रग्स नहीं किया. तो उन लोगों की इमेज मेरे जहन में रह गई. जो भी है वह बहुत ही ऑरिजनल है. मैंने प्रकाश (Prakash Jha) जी के साथ बैठकर अपने कैरेक्टर को बनाया."

बॉबी देओल (Boby Deol) के साथ अपने बॉन्डिंग को लेकर अध्ययन सुमन (Adhyayan Suman) बोले, "मैं सबसे पहले यह कहना चाहूंगा कि बॉबी सर के साथ मेरा एक बड़े भाई जैसा रिश्ता है. वह मेरे लिए बड़े भाई जैसे हैं. उनमें अभी भी काफी बचपना है. उन्होंने अपनी मासूमियत अभी तक नहीं खोई है. वह अपने दिल से काफी जवान हैं. वह काफी विनम्र हैं, फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत कम स्टार्स हैं, जिनमें यह क्वालिटी है. हम रोज उनके रूम में खाना खाते थे. सेट पर बिल्कुल फैमिली वाला माहौल था."

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले को लेकर अध्ययन सुमन (Adhyayan Suman) ने कहा, "सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहता हूं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था, जो भी सुशांत के साथ हुआ. यह मैं भूल नहीं सकता कि वह सुसाइड था या मर्डर था. लेकिन 14 जून का दिन है और आज का दिन है, कोई भी ऐसा दिन नहीं होता जब मैं सुशांत के बारे में नहीं सोचता हूं. ना सुशांत मेरा दोस्त था, ना भाई था, ना क्लीग था और ना ही को-स्टार था. सुशांत से हमारे परिवार का कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन इंसानियत के नाते, जो एक इंसान के साथ, एक ऐसे कलाकार के साथ जो बहुत ही तेज था, उसका आगे बहुत बड़ा भविष्य था. छोटे शहर से आया था, इतना बड़ा नाम हासिल किया था उन्होंने. जब ऐसे इंसान के साथ कुछ होता है, तो आप सो नहीं पाते हैं. आपको समझ नहीं आता है कि ऐसा हुआ क्या उसके साथ. मैं क्या पूरा देश यह जानना चाहता है कि आखिर सुशांत के साथ हुआ क्या था. वह वापस तो आ नहीं सकता, लेकिन हमारा यह जानने का हक तो बनता है कि आखिर सुशांत के साथ हुआ क्या है. ऐसी-ऐसी बातें, जो इंडस्ट्री में निकलकर आ रही हैं, चाहे ड्रग्स हो या नेपोटिज्म हो. तो यह एक तरीके से अच्छा ही हो रहा है. 'स्वच्छ भारत अभियान' जो मोदी जी ने शुरू किया था, शायद वह हमारी इंडस्ट्री में भी शुरू हो गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुशांत के जाने के बाद यह हो रहा है काश किसी को जाने की जरूरत नहीं पड़ती और यह पहले ही हो जाता."

नेपोटिज्म (Nepotism) को लेकर अध्ययन सुमन (Adhyayan Suman) ने कहा, "मैं आपको अपने पिता का नजरिया बतता हूं, जो सबसे पहले से लड़ रहे हैं सुशांत (Sushant Singh Rajput) के लिए पिछले कुछ महीनों से. मैं यही कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई नेपोटिज्म की नहीं है. नेपोटिज्म तो हमेशा से हर इंडस्ट्री में हमेशा रहा है, सालों से रहा है और हमेशा रहेगा. जिसमें कोई खामी नहीं है. पाइंट यह है कि जब तक आप अपने बच्चे को एक लेवल पर हेल्प कर रहे हैं, तब तक तो सही है, बाकी उसकी किस्मत है. हमारी इंडस्ट्री में हां कुछ स्टार किड्स ऐसे हैं, जिन्होंने 20 फ्लोप फिल्में दी हैं, लेकिन अभी भी उनके साथ फिल्म बन रही हैं, जो मैं भी गलत मानता हूं. लेकिन ऐसे बहुत से स्टारकिड हैं, जिन्हें लोग भूल गए और ऐसे बहुत से स्टारकिड हैं, जो अभी भी स्ट्रगल कर रहे हैं और धीरे-धीरे अपना मुकाम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर मुझे कोई बोले की मैं नेपोटिज्म का प्रोडक्ट हूं, तो इसका मैं सबसे सही उदाहरण हूं, जो पिछले 12 साल से इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहा है, लेकिन कुछ-ना-कुछ करके हमेशा मैंने खुद को जिंदा रखा है इंडस्ट्री में. खुद को मैंने जिंदा इसलिए रखा है क्योंकि ऑडियंश ने प्यार दिया है, शायद बड़े तादाद में नहीं लेकिन छोटे तादाद में मुझे हमेशा सपोर्ट किया है. एक पाइंट के बाद यह मैटर नहीं करता कि आप किसके बेटे हैं, किसके नहीं. मैं नेपोटिज्म को लेकर एग्री नहीं करता हूं, मैं ग्रुपीज्म, फेवरिटज्म और कैंपीज्म में विश्वास करता हूं, कि एक ग्रुप बना हुआ है लोगों का, जिसमें बाहर का कोई नहीं है. अगर आउटसाइडर थोड़ा सा भी परफॉर्म करता है, तो जनता उसे बहुत प्यार करती है. हालांकि, अगर कोई स्टार किड काम करता है, तो पहले से ही उसे उसके पैरेंट्स के साथ कंपेयर किया जाता है. लोग उसके पीछे पड़ जाते हैं."

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