आरजेडी नेता मनोज झा ने सोमवार को प्रशांत किशोर की उस टिप्पणी पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में 1990 के बाद से कुछ भी नहीं बदला है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रणनीतिकार महत्वहीन मुद्दों को उठा रहे हैं. लेकिन बिहार को विशेष दर्जा देने जैसे मुद्दों को दबाने पर चुप हैं.
राज्यसभा सांसद झा ने बताया कि उन्हें लगा कि किशोर बिहार को विशेष दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार के बार-बार इनकार करने का मुद्दा उठाएंगे. "इसके बजाय, वह उन मुद्दों को उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं जो महत्वपूर्ण नहीं हैं और उन पर चुप हैं जिन पर उन्हें बोलना चाहिए." उन्होंने कहा, "मुझे प्रशांत किशोर की स्क्रिप्ट को समझने के लिए रॉकेट साइंस को समझने की जरूरत नहीं है."
रविवार को पश्चिम चंपारण जिले से अपनी राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करने वाले किशोर ने बिहार पर शासन करने वाले सभी राजनीतिक दलों पर हमला करते हुए कहा कि राज्य 1990 से नहीं बदला है. उन्होंने कहा कि यहां के लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए बाध्य हैं. झा ने कहा, "बिहार को समझने के लिए आपको पहले इसका विश्लेषण करना होगा."
मनोज झा ने कहा, " जब झारखंड अलग हुआ, उसके बाद बिहार को क्या मिला? झारखंड के कारण हमारे उद्योग की नींव मजबूत थी. झारखंड के अलग होने के बाद सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा क्यों नहीं दिया? एक विशेष पैकेज क्यों नहीं दिया गया? और क्यों घोषणा के बाद भी प्रधानमंत्री चुप हैं? मैं चेतावनी दे रहा हूं, बिहार एक ज्वालामुखी पर बैठा है."
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