NDA में वापसी की अटकलों को नीतीश कुमार ने बताया 'बकवास', BJP ने कहा - सभी दरवाजे बंद

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से पत्रकारों ने राजग की तरफ उनके झुकाव की अटकलों के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि वे लोग इस तरह की फालतू बातें क्यों करते हैं.

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अटकलें हैं कि नीतीश इंडिया गठबंधन द्वारा उन्हें संयोजक नामित नहीं किए जाने से नाखुश हैं. (फाइल)
पटना :

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सोमवार को आरएसएस विचारक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में अपनी वापसी की अटकलों को खारिज कर दिया. कुमार यहां राजेंद्र नगर इलाके के एक पार्क में आयोजित उक्त समारोह में नीतीश हिस्सा लेने आए थे, जिसे उनकी सरकार भाजपा के साथ सत्ता साझा करने के समय से ही आयोजित कर रही है. नीतीश के साथ अन्य लोगों के अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे. 

तेजस्वी ने भाजपा के पूर्व अवतार भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. जब तेजस्वी से कुछ पत्रकारों ने कहा कि उन्होंने तो एक बार विधानसभा में कहा था कि वह सत्ता में आने पर आरएसएस नेताओं की स्मृति में आयोजित कार्यक्रमों को बंद कर देंगे, तब उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसा कभी नहीं कहा.'

जब मुख्यमंत्री से पत्रकारों ने राजग की तरफ उनके झुकाव की अटकलों के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि वे लोग इस तरह की फालतू बातें क्यों करते हैं.

जदयू नेता महेश्वर हजारी द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री पद के लायक बताये जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे किसी पद की लालसा नहीं है. मैं सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगा हुआ हूं.'

‘इंडिया' गठबंधन की अगली बैठक कब होगी और आगे की रणनीति क्या होगी, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियां बन गई हैं,बैठकें हो रही हैं.

मीडिया के एक वर्ग में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश इंडिया गठबंधन द्वारा उन्हें संयोजक के रूप में नामित नहीं किए जाने से नाखुश हैं. हाल में नई दिल्ली में आयोजित जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी शिष्टाचार मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार और भी गर्म हो गया था. 

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जंयती के अवसर पर आयोजित इस राजकीय समारोह में भाजपा नेताओं के उनके साथ शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पहले साथ थे लेकिन आज इस कार्यक्रम में नहीं आए तो वे जानें.

उन्होंने कहा , ‘‘दिवंगत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को लेकर जो चीज पहले से सरकार की ओर से तय की हुई है, उसमें सबलोग आते हैं. हम तो सबकी इज्जत करते हैं, सबका सम्मान करते हैं. हम सबलोगों के लिए काम कर रहे हैं. आगे भी हमलोग विकास का काम यूं ही करते रहेंगे.''

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जब उनसे कहा गया कि आपके जाने के बाद भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी इस कार्यक्रम में आ रहे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘समय पर आने में क्या ऐतराज था, जिसको जो मन में है करे, मुझे इससे क्या लेना-देना है.''

मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के अन्य सहयोगियों और अन्य सरकारी अधिकारियों के कार्यक्रम में भाग लेकर लौटने के तुरंत बाद भाजपा नेता मौके पर पहुंचे और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया , 'हमें समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था.'

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समारोह में भाग लेने वहां पहुंचे भाजपा नेताओं में शामिल पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश की राजग में वापसी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'नीतीश कुमार अब बोझ बन गए हैं. वह अब गठबंधन सहयोगियों को एक भी वोट हस्तांतरित करने में असमर्थ हैं. हम ऐसा क्यों करेंगे. उनके लिए सभी दरवाजे बंद हैं. भले ही वह जमीन पर अपनी नाक रगड़कर ऐसा करने की भीख मांगे पर उनका अब उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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