बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए महागठबंधन ने उम्मीदवारों की घोषणा की

बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने राज्य विधान परिषद की चार सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव और मौजूदा विधान पार्षद की मौत से खाली हुई एक अन्य सीट पर उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की शुक्रवार को घोषणा की.

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बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने राज्य विधान परिषद की चार सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव और मौजूदा विधान पार्षद की मौत से खाली हुई एक अन्य सीट पर उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की शुक्रवार को घोषणा की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता समीर कुमार सिंह के अलावा वाम दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) माकपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रतिनिधियों द्वारा संबोधित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नामांकन दाखिल करने से ठीक तीन दिन यह पहले घोषणा की गई. 

जिन चार सीटों पर 31 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव होंगे उनमें से जदयू के पास तीन सीट हैं और यह दल इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राष्ट्रीय जनता दल गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा जो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अवधेश नारायण सिंह के पास है, जिन्हें राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत कुमार सिंह चुनौती देंगे.

जदयू एमएलसी वीरेंद्र नारायण यादव (सारण स्नातक), संजीव श्याम सिंह (गया शिक्षक) और संजीव कुमार सिंह (कोसी शिक्षक) से अपनी-अपनी सीटों को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे. कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू को भाजपा के रंजन कुमार द्वारा चुनौती दी जाएगी जबकि सारण स्नातक में भगवा पार्टी ने वरिष्ठ नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को मैदान में उतारा है.

भाकपा एमएलसी केदार नाथ पांडे की मृत्यु के बाद सारण शिक्षक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है. पांडे के बेटे आनंद पुष्कर पार्टी और महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के धर्मेंद्र सिंह द्वारा पेश की गई चुनौती का सामना करेंगे.

मतगणना पांच अप्रैल को होगी. राज्य विधान परिषद में 75 सीटें हैं और इसके सदस्य विधानसभा, शिक्षकों, स्नातकों और स्थानीय निकायों के निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं. इसके अलावा कुछ सदस्यों को राज्य सरकार की सिफारिशों पर राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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