बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने जनसंपर्क कार्यक्रम ‘‘समाधान यात्रा'' का बृहस्पतिवार को राज्य की राजधानी पटना में समापन किया. इस दौरान उन्होंने डेढ़ महीने के दौरान राज्य के सभी 38 जिलों का दौरा किया. मुख्यमंत्री ने अपनी ‘‘समाधान यात्रा'' के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को पटना में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों और शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में पटना जिले में विभिन्न योजनाओं और विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा की.
इससे पहले यात्रा के अंतिम दिन कुमार ने बेगूसराय जिले का दौरा किया जहां उन्होंने स्वयं सहायता समूह जीविका के दीदियों (स्वयंसेवकों) के साथ बातचीत की और कार्यों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने यात्रा की शुरूआत चार जनवरी को पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर से शुरू की थी. उसके बाद से मुख्यमंत्री का व्यस्त कार्यक्रम बना रहा. कभी-कभी उन्होंने एक दिन में तीन जिलों का दौरा किया. बड़े पैमाने पर जनता तक पहुंच वाले इस कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने एक से अधिक मौकों पर राज्य की राजधानी के बाहर रात बिताई.
पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के बाहर कुमार पत्रकारों से बातचीत में राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचते दिखे और जोर दिया कि किसी और दिन इस पर बात करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘समाधान यात्रा का उद्देश्य था कि जो योजनाएं लागू की जा रही हैं, उसकी प्रगति कैसी है. इसके अलावा क्या किया जाना चाहिए ताकि लोगों को सुविधा हो. इसी उद्देश्य को लेकर सभी जगहों की यात्रा की है. लोगों ने भी अपनी राय दी है.''
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यात्रा के दौरान कई लोगों ने अपनी खुशी प्रकट की और कई लोगों ने अपनी समस्याएं भी बताईं. हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी चीजों को देखते हुए कार्रवाई करें.'' कुमार ने कहा कि यात्रा के दौरान दिये गये निर्देशों पर अधिकारियों से जानकारी ली जायेगी. अगर नये कदम की जरुरत होगी तो इस पर निर्णय लिए जाएंगे.
‘‘समाधान यात्रा'' पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा सवाल उठाने के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कौन क्या बोलता है उससे हमें कोई मतलब नहीं है. यह यात्रा इसलिए की गई क्योंकि अगर कहीं कोई कमी है तो उसका समाधान किया जाये. यही इस यात्रा का मकसद था.''
भाजपा नेताओं ने संदेह जताया था कि सर्दियों के दौरान शुरू हुई यात्रा को मुख्यमंत्री कुमार (71) पूरा कर पाएंगे या नहीं, इस बारे में पूछे जाने पर जनता दल (यूनाइटेड) नेता ने कहा, ‘‘मैं ठीक हूं और हमेशा ऐसा ही रहा. लोगों को जो कुछ भी कहना है कहने दें. मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा.''
कुमार ने यह नहीं बताया कि क्या वह शनिवार को यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के एक सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक मुद्दों पर अलग से बात करेंगे, आज कोई बात नहीं करेंगे.''
नीतीश बिहार विधानसभा सत्र की शुरुआत (28 फरवरी) से पहले पूर्णिया में एक रैली में भी शामिल होने वाले हैं, जो 25 फरवरी को बहुदलीय गठबंधन द्वारा शक्ति का प्रदर्शन है. संयोग से उसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार यात्रा के दौरान वाल्मीकिनगर में एक रैली को संबोधित करेंगे.
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