राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav)और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा भ्रष्टाचार का नया मामला “अनुमानित” था और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पकड़ जब भी सत्ता पर ढीली पड़ती है और उसे लगता है कि उसके खिलाफ लामबंदी हो रही है तो वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग करती है. RJD प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने सीबीआई की कार्रवाई के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “वे (भाजपा) किसी को निशाना बनाकर अन्य लोगों को डराने की कोशिश करते हैं. कोई नहीं डरेगा. न हम, न वो और न ही बिहार के लोग.” उन्होंने यह नहीं बताया कि अन्य से उनका क्या आशय है? बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद के तेजस्वी यादव के बीच हालिया बैठकों ने बिहार में राजनीतिक ताकतों के पुनर्गठन के बारे में अटकलें तेज कर दी हैं, कुमार के जद (यू) और उसकी सहयोगी भाजपा के बीच संबंध भी बहुत सहज नहीं दिख रहे.
झा ने कहा कि वह सीबीआई की कार्रवाई से हैरान नहीं हैं, लेकिन यह देखकर दुखी हैं कि भाजपा भारतीय लोकतंत्र को कहां ले जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र पर हमला है.उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई के मामले में कोई दम नहीं है और उसे सामने लाया गया क्योंकि क्योंकि तेजस्वी यादव बेरोजगारी और जाति जनगणना जैसे वास्तविक मुद्दों पर जनता को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं. जद (यू) और राजद के बीच जाति जनगणना के मुद्दे पर बनी सहमति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि युवा राजद नेता ने अन्य दलों के नेताओं को भी इस मुद्दे पर साथ लिया है.सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “तो उन्होंने (भाजपा ने) तोते को (लालू के) घर भेज दिया है.” उन्होंने दावा किया कि लालू के परिवार को डराने की पार्टी (भाजपा) की कोशिश सफल नहीं होगी.
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि इसकी भाजपा को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी और अगर लोग अपना मन बना लें तो बिहार में उसका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे में नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन लेने के आरोप में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है.अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोपों की प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे प्राथमिकी में बदल दिया गया है. यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा तथा हेमा के अलावा कई उम्मीदवारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 16 स्थानों पर तलाशी ली. यह मामला तब का है जब संप्रग सरकार में लालू केंद्रीय मंत्री थे.
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