- बिहार में NDA की जीत के बाद नए मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया तेज़ हो गई है और शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को होगा.
- मंत्रिमंडल में सभी 5 दलों का प्रतिनिधित्व रहेगा और जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
- BJP को सबसे अधिक मंत्री पद मिलने की संभावना है. चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के दलों को भी स्थान मिलेगा.
Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार में NDA की प्रचंड जीत के बाद अब नए मंत्रिमंडल गठन की कवायद तेज गई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली नई कैबिनेट में किस पार्टी से कौन-कौन और कितने विधायक मंत्री बनेंगे, इस पर पटना से लेकर दिल्ली तक विचार-विमर्श का दौर जारी है. अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं. गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर उसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है.
गांधी मैदान की सुरक्षा व्यवस्था SPG ने अपने हाथों में ले ली है. मंगलवार शाम सीएम नीतीश कुमार खुद गांधी मैदान की व्यवस्था को परखने के लिए पहुंचे. उनके साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और कैबिनेट मंत्री नितिन नवीन और बीजेपी के प्रभारी विनोद तावड़े भी गांधी मैदान पहुंचे.
मंत्रिमंडल गठन पर एनडीए में मोटे तौर पर बनी सहमति
दूसरी तरफ सबसे अधिक चर्चा संभावित मंत्रिमंडल को लेकर हो रही है. बिहार की नई कैबिनेट के लिए JDU नेताओं की दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से बातचीत हो चुकी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल के गठन को लेकर मोटे तौर पर एनडीए में सहमति बन चुकी है.
मंत्रिमंडल में भी पांचों दलों की एकजुटता दिखेगी
सबसे खास बात यह सामने आई है कि यह NDA का मंत्रिमंडल होगा यानी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण पूरे गठबंधन के साधे जाएंगे न कि किसी एक पार्टी के.इसका मतलब यह है कि जिस तरह टिकट बंटवारे, प्रचार और घोषणापत्र में सभी 5 दलों में सहमति दिखी और मिलकर काम किया, वैसे ही मंत्रिमंडल गठन में भी होगा.
मंत्रिमंडल का गठन पिछली बार की ही तरह होगा. लेकिन इस बार दो नए सहयोगियों चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के दलों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा. सबसे बड़ा दल होने के नाते BJP के मंत्री सबसे अधिक संख्या में रहने की संभावना है.
प्रेम कुमार, जिन्हें स्पीकर बनाए जाने की चर्चा चल रही है.
BJP खेमे से स्पीकर के साथ-साथ दो डिप्टी CM
BJP खेमे से स्पीकर के साथ-साथ दो डिप्टी CM बन सकते हैं. इसमें जातीय समीकरण का ध्यान रखा जाएगा. यानी अगर स्पीकर सवर्ण बनता है तो डिप्टी सीएम ओबीसी/ईबीसी और दलित हो सकता है. अगर स्पीकर ओबीसी/ईबीसी या दलित होता है तो एक डिप्टी सीएम सवर्ण और दूसरा दलित या ओबीसी हो सकता है. चर्चा है कि प्रेम कुमार को स्पीकर बनाया जा सकता है.
एक महिला डिप्टी सीएम बनाए जाने की भी चर्चा
एक महिला डिप्टी सीएम भी हो सकती है. मंत्रिमंडल में कुछ स्थान ख़ाली रखे जा सकते हैं. राज्य में सीएम समेत अधिकतम 36 मंत्री बन सकते हैं. निवर्तमान सरकार में BJP के 21, JDU के 13 (CM मिला कर), हम का एक और एक निर्दलीय मंत्री थे.
चिराग खेमे से राजू तिवारी तो उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी बन सकती हैं मंत्री
इस बार चिराग पासवान के दो मंत्री और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. चिराग़ पासवान की पार्टी से राजू तिवारी का नाम संभावित मंत्रियों में लिया जा रहा है जबकि उपेंद्र कुशवाह की पत्नी स्नेहलता कुशवाह मंत्री बन सकती हैं.
एनडीए विधायकों का जातीय गणित समझें
इस बार NDA में 15 यादव, 23 कुर्मी, 19 कुशवाहा, 23 वैश्य, 31 राजपूत, 22 भूमिहार, 15 ब्राह्मण, दो कायस्थ, 10 अति पिछड़ा, 34 एससी और एक आदिवासी और एक मुसलमान विधायक हैं. मंत्रिमंडल गठन में जातीय समीकरण इसी आधार पर तय किए जाएंगे.क्षेत्रवार देखा जाए तो शाहाबाद मगध, मिथिलांचल, सारण जैसे क्षेत्रों में भारी सफलता मिली है लिहाज़ा यहाँ से उचित प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है.
बीजेपी-जदयू से कौन-कौन विधायक बन सकते हैं मंत्री
वर्तमान सरकार के कई मंत्री फिर से मंत्री बनाये जा सकते हैं. इनमें बीजेपी के नितिन नवीन, संजय सरावगी, जिबेश मिश्रा, नीतीश मिश्रा, डॉ सुनील कुमार, विजय कुमार मंडल आदि शामिल हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और इस बार चुनाव जीते रामकृपाल यादव को भी जगह मिल सकती है.
जेडीयू से श्रवण कुमार, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव आदि रिपीट हो सकते हैं. जबकि पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को भी जगह मिलने की चर्चा है.
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