कायस्थ और भूमिहार बहुल मुजफ्फरपुर नगर सीट पर किसका चलेगा जादू? मतदाता करेंगे विकास बनाम बदलाव का फैसला

संपूर्ण मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति की बात करें तो, मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. जिले में राजद का वर्चस्व कांटी, गायघाट, मीनापुर और बोचहा सीटों पर है. सकरा विधानसभा पर जदयू काबिज है, जबकि औराई, बरूराज, साहेबगंज, पारू और कुढ़नी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.

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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की नगर विधानसभा सीट की पहचान मुख्य रूप से यहाँ की विश्व प्रसिद्ध लीची के कारण है. इस शहरी क्षेत्र के प्रमुख स्थानीय मुद्दे पताही एयरपोर्ट का पुनर्संचालन, लीची को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना, लहठी उद्योग को बढ़ावा देना और क्षेत्र में एम्स (AIIMS) की स्थापना की मांग हैं. जनता की समस्याओं में शहर में भीषण जाम की स्थिति और संकीर्ण सड़कों का चौड़ीकरण न होना शामिल है. 2020 की वोटर लिस्ट के अनुसार, इस विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 14 हजार 902 मतदाता हैं. चुनावी दृष्टि से यह क्षेत्र कायस्थ और भूमिहार बहुल माना जाता है.

मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े संघर्ष को दर्शाता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी ने भाजपा के सुरेश शर्मा को 6,326 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. विजेंद्र चौधरी को 81,871 वोट मिले, जबकि सुरेश शर्मा को 75,545 वोट मिले थे. हालाँकि, 2015 के चुनाव में भाजपा के सुरेश शर्मा ने 95,594 वोट पाकर कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी को 29,739 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. अगले चुनाव में, भाजपा से सुरेश कुमार शर्मा और कांग्रेस से विजेंद्र चौधरी के बीच एक बार फिर सीधा और कड़ा मुकाबला होने की संभावना है.

मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति की बात करें तो, मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. जिले में राजद का वर्चस्व कांटी, गायघाट, मीनापुर और बोचहा सीटों पर है. सकरा विधानसभा पर जदयू काबिज है, जबकि औराई, बरूराज, साहेबगंज, पारू और कुढ़नी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.

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