बैडमिंटन: वर्ल्‍ड चैंपियनशिप और एशियाड में पीवी सिंधु के सामने यह है चुनौती

बैडमिंटन: वर्ल्‍ड चैंपियनशिप और एशियाड में पीवी सिंधु के सामने यह है चुनौती

पीवी सिंधु इस सत्र में तीन फाइनल खेली हैं, दुर्भाग्‍य से उन्‍हें तीनों ही बार हारना पड़ा है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • फाइनल में हारने के क्रम को तोड़ना होगा
  • सिंधु इस साल तीन बार फाइनल में पहुंचीं
  • तीनों ही बार हारकर खिताब से वंचित होना पड़ा
नई दिल्ली:

भारत की स्‍टार महिला शटलर पीवी सिंधु इस सत्र में तीन फाइनल खेली हैं, दुर्भाग्‍य से उन्‍हें तीनों ही बार हारकर खिताब से वंचित रहना पड़ा है. सिंधु चीन में होने वाली वर्ल्‍ड चैम्पियनशिप और इंडोनेशिया में आयोजित होने वाले एशियाई खेलों में इन हार को भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करेंगी. रियो ओलिंपिक 2016 में रजत पदक जीतने के बाद से सिंधु इस समय शानदार फॉर्म में हैं. पिछले साल वह छह फाइनल में पहुंची और तीन खिताब जीते. वह वर्ल्‍ड चैम्पियनशिप, हांगकांग ओपन और दुबई सुपर सीरीज में फाइनल में हार गईं. इस साल वे इंडिया ओपन, राष्ट्रमंडल खेल और थाईलैंड ओपन में फाइनल में पहुंची लेकिन उन्‍हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. फाइनल में मिली इस हार के क्रम को तोड़ना सिंधु के सामने प्रमुख चुनौती है.

यह भी पढ़ें: लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, पीवी सिंधु भी कर चुकी हैं कारनामा

दुनिया की शीर्ष पांच महिला बैडमिंटन खिलाड़ि‍यों में शामिल सिंधु ने कहा,‘मैं जानती हूं कि कुछ समय से फाइनल हार रही हूं. हर बात का सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होता है. क्वार्टर फाइनल या सेमीफाइनल में हारने पर आप उन गलतियों से सीखते हैं. आप अच्छा खेल रहे हैं लेकिन आखिरी बाधा पार नहीं कर पा रहे.’उन्‍होंने कहा,‘मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि फाइनल में पहुंचना जीतने के बराबर ही है. पहले या दूसरे दौर में हारना बुरा है.फाइनल में कुछ भी हो सकता है.’


वीडियो: वर्ल्‍ड चैंपियनशिप में मेडल जीतकर लौटीं पीवी सिंधु

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सिंधु भारतीय टीम के साथ शनिवार को चीन रवाना होगी जहां 30 जुलाई से वर्ल्‍ड चैम्पियनशिप खेली जानी है. उन्‍होंने कहा,‘मैं विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं. तैयारी अच्छी है.फिर एशियाई खेल भी है जिसमें भी मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं. वर्ल्‍ड चैम्पियनशिप में ड्रॉ कठिन होगा लिहाजा इसे आसानी से नहीं ले सकते.’उन्‍होंने कहा,‘एशियाई खेल कठिन होंगे लेकिन मुझे लगता है कि इसका स्तर किसी अन्य सुपर सीरीज टूर्नामेंट की तरह होगा . कैरोलिना मॉरिन के अलावा सारे एशियाई खिलाड़ी इसमें होंगे.’इस साल अपने प्रदर्शन के बारे में उसने कहा,‘मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं. यह साल अच्छा रहा है. मैं कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स के फाइनल तक पहुंची लेकिन थकान मुझ पर हावी हो गई थी. मैने पिछली बार कांस्य जीता था तो इस बार रजत अच्छा है. उम्मीद है अगली बार पीला तमगा (गोल्‍ड मेडल) जीतूंगी.’(इनपुट: एजेंसी)