
Tulsi Pujan Diwas 2025: सनातन परंपरा में तुलसी को केवल एक पौधा नहीं, बल्कि देवी स्वरूप माना गया है. इसी भावना को जीवित रखने के लिए हर वर्ष 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है. ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, यह भारतीय संस्कृति, धार्मिक आस्था, आयुर्वेद और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने वाला विशेष पर्व है.
घर में शंख रखने से क्या होता है? ज्योतिर्विद से जानिए
शास्त्रों में तुलसी का महत्व
ज्योतिर्विद बताते हैं, धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. पद्म पुराण सहित कई पुराणों में तुलसी पूजन को पुण्यदायी बताया गया है. मान्यता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु का भोग अधूरा रहता है. इसलिए घर में तुलसी का होना अत्यंत शुभ माना गया है.
तुलसी पूजन के आध्यात्मिक लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, संतान सुख, मानसिक शांति और ग्रह दोषों में कमी आती है. नियमित तुलसी पूजन से मन शांत रहता है और नकारात्मकता दूर होती है.
तुलसी में पानी डालते समय कौन-सा मंत्र बोलें?
राकेश चतुर्वेदी बताते हैं, तुलसी माता को जल अर्पण करते समय शुद्ध मन और श्रद्धा सबसे जरूरी है. इसके बाद मंत्र बोलने से पूजन पूर्ण माना जाता है.
मुख्य मंत्र:
ॐ नमो भगवत्यै तुलस्यै नमः॥
यह मंत्र मानसिक शांति, रोग निवारण और घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.
विष्णु कृपा के लिए मंत्र:
ॐ नमो नारायणाय
यह मंत्र वैवाहिक सुख, संतान सुख और पारिवारिक शांति के लिए फलदायी माना जाता है.
तुलसी माता को कौन से रंग की चुनरी चढ़ाएं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माता को चुनरी अर्पित करना शुभ होता है.
लाल चुनरी- सौभाग्य, वैवाहिक सुख और गृह शांति के लिए
पीली चुनरी- गुरु कृपा, ज्ञान और संतान सुख के लिए
हरी चुनरी- स्वास्थ्य, दीर्घायु और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)