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माता के इस मंदिर में सच्चे मन से करेंगे प्रार्थना, तो दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां, जानें क्या है इस मंदिर की मान्यता

भारत आस्था और चमत्कारों की भूमि है. गुरुग्राम में स्थित शीतला माता मंदिर की मान्यता है कि माता यहां साक्षात विराजती हैं. साथ ही दर्शन मात्र से कई रोगों से मुक्ति मिलती है.

Edited by Updated : December 25, 2025 2:11 PM IST
माता के इस मंदिर में सच्चे मन से करेंगे प्रार्थना, तो दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां, जानें क्या है इस मंदिर की मान्यता
गुड़गांव शीतला माता मंदिर कब तक खुला रहता है.
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Sheetla Mata Mandir Beliefs : भारत को अक्सर चमत्कार और आस्था की भूमि कहा जाता है. भारत की अधिकांश जगहें भक्त और भगवान के बीच गहरे विश्वास की कहानियों से जुड़ी हैं. ऐसी ही एक आस्था से जुड़ी हुई जगह है हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित माता शीतला का प्रसिद्ध मंदिर. यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि लोगों की श्रद्धा और विश्वास का एक मजबूत केंद्र भी माना जाता है (Mata Sheetla Temple Significance). माता शीतला का यह मंदिर लगभग चार सौ साल पुराना बताया जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता शीतला इस मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान हैं. दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए यहां आते हैं. भक्तों का विश्वास है कि माता शीतला चेचक, खसरा और आंखों से संबंधित सभी परेशानियों और रोगों से रक्षा करती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि सच्चे मन से अगर आप माता के दर्शन करें, तो सभी रोगों से मुक्ति मिल जाएगी (Sheetla Mata Temple For Disease Cure Belief). आज भी यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक है. यहां आने वाले श्रद्धालु माता से स्वास्थ्य, सुख और शांति की कामना करते हैं. गुरुग्राम का शीतला माता मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि विश्वास, परंपरा और लोक आस्था की जीवंत मिसाल भी है. ऐसे में चलिए इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के बारे में जानते हैं (Sheetla Mata Temple Miracles And Faith).

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किसने बनवाया था शीतला माता का मंदिर? (Sheetla Mata Mandir History)


 ये मंदिर करीब 500 सौ साल पहले भरतपुर के राजा जवाहर सिंह ने मुघलों के खिलाफ जीत हासिल करने के बाद बनवाया था. राजा का मानना था कि माता शीतला ने उनके सपने में आकर युद्ध जीतने में उनकी मदद की थी.  माना जाता है कि शीतला माता का मंदिर ठीक उस ही जगह स्थित है जहां पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों को शिक्षा दी थी. गुरु द्रोणाचार्य के निधन के बाद माता शीतला इस ही जगह पर सति हो गई थीं. साथ ही ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. वीडियो के मुताबिक, जब भगवान शिव माता सति के शव को गोद में उठाकर पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे तो भगवान विष्णु ने शव के 51 हिस्से किए थे जो कि 51 शक्तिपीठ के नाम से जाने और पूजे जाते हैं.

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सच्चे मन से दर्शन करने से सही हो जाती हैं स्किन प्रॉबलम्स


मंदिर में प्रवेश द्वार पर ही लगे बरगद के पेड़ से जुड़ी एक विशेष परंपरा है. भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस पेड़ पर चुन्नी या धागा बांधते हैं और माता को जल अर्पित करके आशीर्वाद मांगते हैं. मान्यता के मुताबिक, अगर माता के मंदिर में सच्चे मन से मनोकामना की है तो वो जरूर ही पूरी होती है. साथ ही माता के मंदिर में आने से स्किन से संबंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने माता शीतला को संसार को निरोग रखने का काम सौंपा था. इसलिए ही भक्तों का मानना है कि उनकी पूजा करने से कष्ट और रोग से छुटकारा मिलता है.

कैसे जाएं शीतला माता के मंदिर?
अगर आप शीतला माता के मंदिर जाना चाहते हैं तो दिल्ली और आसपास के लोग मेट्रो से आराम से यहां तक जा सकते हैं. पास के दो प्रमुख स्टेशन एम.जी. रोड और इफको चौक है, जो येलो लाइन पर स्थित हैं. इन दोनों ही जगहों से मंदिर करीब 6-7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.