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Pitru Paksha 2024: कब शुरू होगा पितृ पक्ष, जानिए तिथि, श्राद्ध का महत्व, विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट

ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि विधि-विधान से पितरों का तर्पण करने से पितृ ऋण चुकाने में मदद मिलती है. इस समय पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है.

Written by , Edited by Updated : June 28, 2024 8:06 AM IST
Pitru Paksha 2024: कब शुरू होगा पितृ पक्ष, जानिए तिथि, श्राद्ध का महत्व, विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट
यह समय कुल के पितरों को स्मरण करने, उनकी पूजा और तर्पण करने का होता है.
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Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितरों का बहुत महत्व है. भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से अमावस्या तक के समय को पितृ पक्ष कहा जाता है. इस वर्ष 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू होगा और 2 अक्टूबर को समाप्त होगा. यह समय कुल के पितरों को स्मरण करने, उनकी पूजा और तर्पण करने का होता है. इस समय शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि विधि-विधान से पितरों का तर्पण करने से पितृ ऋण चुकाने में मदद मिलती है. इस समय पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष की तिथि, श्राद्ध का महत्व, श्राद्ध विधि (Shraddh Vidhi) और सामग्री की पूरी सूची. 

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वर्ष 2024 में पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध की तिथियां

पूर्णिमा का श्राद्ध  - 17 सितंबर (मंगलवार)

प्रतिपदा का श्राद्ध - 18 सितंबर (बुधवार)

द्वितीया का श्राद्ध - 19 सितंबर  (गुरुवार)

तृतीया का श्राद्ध - 20  सितंबर  (शुक्रवार)

चतुर्थी का श्राद्ध - 21 सितंबर  (शनिवार)

महा भरणी - 21 सितंबर (शनिवार)

पंचमी का श्राद्ध - 22 सितंबर  (रविवार)

षष्ठी का श्राद्ध - 23 सितंबर  (सोमवार)

सप्तमी का श्राद्ध - 23 सितंबर  (सोमवार)

अष्टमी का श्राद्ध - 24 सितंबर  (मंगलवार)

नवमी का श्राद्ध - 25 सितंबर (बुधवार)

दशमी का श्राद्ध - 26 सितंबर (गुरुवार)

एकादशी का श्राद्ध - 27 सितंबर (शुक्रवार)

द्वादशी का श्राद्ध - 29 सितंबर  (रविवार)

मघा श्राद्ध - 29 सितंबर (रविवार)

त्रयोदशी का श्राद्ध - 30 सितंबर सोमवार)

चतुर्दशी का श्राद्ध - 1 अक्टूबर (मंगलवार)

सर्वपितृ अमावस्या - 2 अक्टूबर (बुधवार)

पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्व

पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए सभी प्रकार के अनुष्ठान करने से पितृ दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे जीवन मे परेशानियों का अंत होता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है.

श्राद्ध विधि और सामग्री की सूची

पितृ पक्ष में किसी ब्राह्मण के जरिए पितरों का तर्पण करना चाहिए. श्राद्ध में दान का विशेष महत्व है. ब्राह्मण के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों को भी दान देना चाहिए. कौवे, कुत्ते और अन्य पशु-पक्षियों को भोजन कराना चाहिए.

श्राद्ध के लिए सिंदूर, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, कपूर, जनेऊ, हल्दी, घी, शहद, काला तिल, तुलसी और पान के पत्ते, जौ, गुड़, दीया, अगरबत्ती, दही, गंगाजल, केला, सफेद फूल, उरद की दाल, मूंग और ईख की जरूरत होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)