Phagun Amavasya 2023: अमावस्या की अत्यधिक धार्मिक मान्यता होती है. इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत किया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने पर घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि पर अमावस्या (Amavasya) होती है. फाल्गुन मास में पड़ने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या (Falgun Amavasya) या फाल्गुनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन मान्यतानुसार पितरों की शांति के लिए तर्पण किया जाता है. बहुत से लोग अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध भी करते हैं. इसके अतिरिक्त, विशिष्ट पूजा और व्रत किया जाता है.
फाल्गुन अमावस्या की तिथि व मुहूर्त | Phagun Amavasya Date And Muhurt
पंचांग के अनुसार इस वर्ष आने वाली 20 फरवरी के दिन फाल्गुन अमावस्या मनाई जाएगी. इस अमावस्या की शुरूआत 19 फरवरी, रविवार दोपहर 4 बजकर 18 मिनट से हो रही है और अगले दिन 20 फरवरी, सोमवार दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. इस चलते फाल्गुन अमावस्या 20 फरवरी के दिन ही मनाई जाएगी. सोमवार के दिन मनाए जाने के चलते इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) भी कहा जाता है.
फाल्गुन अमावस्या पर कई मुहूर्त पड़ रहे हैं. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक बताया जा रहा है. तो वहीं, राहूकाल सुबह 8 बजकर 20 मिनट से 9 बजकर 45 मिनट पर लग रहा है.
फाल्गुन अमावस्या पर पूजा
- आने वाली फाल्गुन अमावस्या पर मान्यतानुसार पूजा (Phagun Amavasya Puja) की जाती है. इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान किया जाता है. जो भक्त नदी में जाकर स्नान करने में असमर्थ होते हैं वे नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करते हैं.
- सुबह उठकर स्नान पश्चात साफ वस्त्र धारण किए जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना की जाती है.
- अमावस्या तिथि पर भक्त भगवान भोलेनाथ (Bholenath) की पूजा-आराधना भी करते हैं. इस दिन भगवान शिव को काले तिल चढ़ाने और दूध या शहद डालकर अभिषेक करने की भी मान्यता है.
- फाल्गुन अमावस्या के दिन गरीब अथवा जरूरतंदों को भोजन करवाना भी शुभ माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)