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Chaitra navratri 2023: पंचक में शुरू होगी चैत्र की नवरात्रि, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन की सबसे सही विधि

Chaitra navratra kabse shuru : पंचक लगने का दिन 19 मार्च माना जा रहा है जो गुरुवार यानी कि 23 मार्च तक जारी रहेंगे. ये पंचक वैसे तो नवरात्रि के शुरुआत के दो ही दिन रहेंगे. लेकिन ये पंचक रोग पंचक माने जा रहे हैं.

Edited by Updated : March 22, 2023 8:37 AM IST
Chaitra navratri 2023: पंचक में शुरू होगी चैत्र की नवरात्रि, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन की सबसे सही विधि
chaitra navratri 2023 timing : इस पंचक में किस तरह पूजन किया जाना चाहिए ये भी जान लीजिए.
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chaitra navratri 2023 ashtami date : हिंदू धर्म में मां दुर्गा के पूजन का अलग महत्व है, वो शक्ति की अधिष्ठात्री देवी भी मानी जाती है. मां दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्त अलग अलग तरह से पूजा पाठ करते हैं. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि का समय सबसे श्रेष्ठ समझा जाता है. माना जाता है कि जो भक्त नवरात्रि के मौके पर पूरी श्रद्धा और विश्वास से मां की आराधना करते हैं उनसे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उन पर अपनी कृपा भी बरसाती हैं. नवरात्रि साल में दो बार आती है चैत्र और शारदीय. चैत्र की नवरात्रि (Chaitra navratri 2023) शुरू होने में अब बहुत थोड़ा ही वक्त शेष है. 22 मार्च को चैत्र की नवरात्रि की शुरुआत मानी जाएगी. ये दिन बुधवार को पड़ रहा है. इस बार नवरात्रि की खास बात ये है कि वो पंचक (panchak) में शुरू हो रही हैं. पंचक लगने का दिन 19 मार्च माना जा रहा है जो गुरुवार यानी कि 23 मार्च तक जारी रहेंगे. ये पंचक वैसे तो नवरात्रि के शुरुआत के दो ही दिन (chaitra navratri shubh muhurt) रहेंगे. लेकिन ये पंचक रोग पंचक माने जा रहे हैं. इस पंचक में किस तरह पूजन किया जाना चाहिए ये भी जान लीजिए.

पंचक में चैत्र नवरात्रि की पूजन विधि / Chaitra Navratri worship method in Panchak


माता दुर्गा की पूजा करने का सबसे पहला नियम है कि साफ सफाई पूरी रखी जाए, साथ ही हृदय भी स्वच्छ होना चाहिए. नवरात्रि का व्रत रखने वालों को सुबह जल्दी उठना चाहिए. सुबह उठ कर स्नान करना चाहिए. इसके बाद घर के पूजन स्थल को गंगाजल डालकर शुद्ध करने की भी मान्यता है. गंगाजल न हो तो पानी से भी सफाई कर सकते हैं.
जैसे ही पूजा शुरू करें सबसे पहले एक दीप जलाएं. इसके बाद मां दुर्गा को गंगाजल अर्पित करें. गंगाजल से अभिषेक के बाद अक्षत, सिंदूर, लाल रंग के फूल माता के सामने अर्पित करें. माता को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में फल और मिठाई रख सकते हैं. जिन भक्तों के पास समय हो वो पूजा करते हुए दुर्गा चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. इसके बाद प्रसाद अर्पित कर सबको प्रसाद बांट दें.

पूजन सामग्री

  • माता दुर्गा की आराधना के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है जो ये हैं.
  • लाल चुनरी
  • लाल वस्त्र
  • मौली
  • श्रृंगार का सामान
  • दीपक
  • घी
  • धूप
  • नारियल
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • लाल फूल
  • माता की प्रतिमा
  • पान और सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • बताशे या मिश्री
  • कपूर
  • फल
  • मिठाई
  • कलावा

पूजन का शुभ मुहूर्त / auspicious time for worship


इस साल की चैत्र नवरात्र शुक्ल योग में शुरू होने जा रही है. ये योग सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस योग के बाद ब्रह्म योग शुरू होगा, जो सुबह 9 बजकर 19 मिनट से अगले दिन की सुबह छह बजे तक जारी रहेगा. ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग भी शुरू होगा, जिसमें माता का पूजन शुभ माना जाता है.
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)