World Television Day: ज़िंदगी को बेहतरीन बनाने के लिए टीवी का शुक्रिया, संचार का सबसे बढ़िया साधन

टीवी एक ऐसा साधन हो गया है, जिसके जरिए हम एंटरटेन करते हैं, एजुकेट करते हैं, जानकारी प्राप्त करते हैं. सूचना की क्रांति में इसका योगदान  अतुल्यनीय है. टीवी नहीं होता तो जनसंचार की भावना भी नहीं होती. लोग एक साथ सामूहिक रूप में जानकारी भी प्राप्त नहीं करते.

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हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है. यह मौका हमारे लिए इसलिएक खास हो जाता है कि क्योंकि टीवी के आने से हमारी ज़िंदगी बहुत ही आसान हो गई है. सूचनाओं का आदान-प्रदान सरल और सुगम हो गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर, 1996 को एक प्रस्ताव पारित कर प्रतिवर्ष 21 नवंबर विश्व टेलीविजन दिवस मनाने का निर्णय लिया था. तब से लेकर आज तक हर साल पूरी दुनिया में विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है. जानकारी के मुताबिक, टीवी का आविष्कार वर्ष 1925 में स्कॉटिश इंजीनियर तथा अन्वेषक जॉन लॉगी बेयर्ड ने किया था. आज सोशल मीडिया पर लोग टीवी दिवस की बधाई दे रहे हैं.

ब्लैक एंड व्हाइट से चलकर आज टीवी बेहद स्मार्ट हो गई है. बिजली से चलने वाली भारी भरकम टीवी आज स्लिम हो गई है. टीवी की मदद से हम सूचनाओं को ग्रहण करते हैं. संचार का विस्तार इसी टीवी ने किया है. भारत में टीवी की शुरुआत 15 सितंबर 1959 को हुई थी. हालांकि, पहले कम संसाधन और तकनीक होने के कारण प्रसारण कुछ देर के लिए ही होते थे, मगर आज 24 घंटे प्रसारण होता है. भारत में दूरदर्शन ने टीवी प्रसारण का विस्तार किया था.

टीवी एक ऐसा साधन हो गया है, जिसके जरिए हम एंटरटेन करते हैं, एजुकेट करते हैं, जानकारी प्राप्त करते हैं. सूचना की क्रांति में इसका योगदान  अतुल्यनीय है. टीवी नहीं होता तो जनसंचार की भावना भी नहीं होती. लोग एक साथ सामूहिक रूप में जानकारी भी प्राप्त नहीं करते.

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