तिहाड़ जेल में पुरुषों वाली यूनिट में महिला इंटर्न ने बिताए 2 हफ्ते, शेयर किया अनुभव, बताईं ऐसी बातें जो चौंका देंगी!

भारत के सबसे बड़े जेल यानी तिहाड़ जेल कॉम्प्लेक्स में अकेली महिला साइकोलॉजी इंटर्न होना कैसा लगता है? गाजियाबाद की एक ट्रेनी ने लिंक्डइन पर अपने अनुभव शेयर किए हैं.

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तिहाड़ जेल में इंटर्नशिप कर रही महिला ने शेयर किया अनुभव

गाजियाबाद की एक साइकोलॉजी इंटर्न दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में दो सप्ताह तक रही, जिसके बाद उन्होंने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि इस दौरान उन्हें क्या-क्या कष्ट सहना पड़ा. बता दें, वह जेल में केवल पुरुषों वाली यूनिट में अकेली महिला ट्रेनी थीं.

अपने अनुभव को उन्होंने लिंक्डइन (LinkedIn) पर शेयर किया. बता दें, साइकोलॉजी इंटर्न का नाम दिया काहली है, उन्होंने बताया कि मेरे लिए यह अलग ही अनुभव था और इसने एक पुरुष सुधार गृह (Male Correctional Facility) में एक ट्रेनी के रूप में जीवन के कई पहलुओं को बारीकी समझाया.

बता दें, तिहाड़ जेल कॉम्प्लेक्स में एक साइकोलॉजी इंटर्न के रूप में उनके दैनिक कार्य में कैदियों से बात करना, साइकोलॉजिकल रिपोर्ट बनाना और डॉक्टरों द्वारा की जाने वाली कड़ी पूछताछ का सामना करना शामिल था. इंटर्न के अनुसार, तिहाड़ में ट्रेनी को कोई स्ट्रक्चर्ड मैनुअल नहीं मिलता है. ऐसे में गाइडेंस की जरूरत पड़ती रहती है और जरूरत पड़ने पर गार्ड से भी मदद मांगनी पड़ती है.  

उन्होंने बताया, कि भले ही हमारे काम में कैदियों से बात करना शामिल था, लेकिन हर कैदी बात करने के लिए तैयार नहीं होता था. कुछ चुप रहते थे तो कुछ हैरानी से देखते थे. हालांकि शुरुआत में थोड़ा अजीब लगा, लेकिन धीरे- धीरे मैंने अपना काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा- यहां आने के बाद शुरुआती घबराहट के बावजूद, उन्हें यहां के सीनियर पुलिस कर्मचारियों का काफी सपोर्ट मिला था. इसी के साथ उन्होंने कहा कि भले ही यहां का कार्य कठिन था, लेकिन सीखने को काफी कुछ मिला.




साइकोलॉजी इंटर्न ने ट्रेनी को कुछ टिप्स भी दिए हैं, जो इस प्रकार हैं:-

- धैर्य रखें: सिस्टम अभी भी विकसित हो रहा है.

-  डॉक्यूमेंटेशन के लिए गेट नंबर 3 आपका पसंदीदा ऑप्शन है.

-  तिहाड़ जेल में रिसर्च करना संभव है, लेकिन अनुमति लेनी होगी.

- अगर आप यहां आ रहे हैं, तो यहां के माहौल के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें.

उनकी पोस्ट ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. तिहाड़ जेल में इंटर्नशिप कर चुकी एक यूजर ने कहा कि वह पुरुषों वाले ब्लॉक में अकेली महिला होने के संघर्ष को समझ सकती है. अन्य लोगों ने उन्हें जानकारी देने के लिए धन्यवाद दिया.

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