गुजरात के एक छोटे से गांव में एक दृश्य ऐसा देखने को मिला जिसने करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया. एक 9-10 साल का बालक किरण, जिसके पीछे सैकड़ों गायें दौड़ती हैं. जैसे द्वापर युग में कृष्ण कन्हैया गैयों को पुकारते थे, वैसे ही किरण की एक पुकार पर पूरी गायों का झुंड मुड़कर उसकी ओर दौड़ पड़ता है. यह दृश्य केवल एक वीडियो नहीं, बल्कि गौ-भक्ति और मानवता का अद्भुत संगम है.
किरण कोई बड़ा व्यक्ति नहीं, बस एक सामान्य ग्रामीण बालक है. वह 5 बजे उठता है, गायों की सेवा करता है, दूध निकालता है, फिर स्कूल जाता है. स्कूल के बाद फिर से गायों के बीच लौट आता है. उसका कहना है, “गाय हमारा परिवार है. घर तो सबका होता है, पर हमारा घर गायों पर टिका है.”
कलयुग का कन्हैया: किरण और उसकी गायों के बीच का प्यार
किरण की गायें उसे पहचानती हैं. वह उनके बीच निडर होकर चलता है, बड़े-बड़े सींगों के बीच से गुजरता है, और हर गाय उसकी ओर स्नेह से देखती है. किरण कहता है, “गाय कभी मारती नहीं, बस प्रेम चाहिए. जो प्रेम देगा, वो उसी प्रेम से जवाब देगी.”
कैसी है किरण के परिवार की लाइफस्टाइल?
किरण का परिवार “मालदारी” परंपरा से जुड़ा है, यानी वो लोग जो पीढ़ियों से गायों की देखभाल करते हैं. कोई बड़ी ज़मीन नहीं, कोई जागीर नहीं, सिर्फ गायें और उनका आशीर्वाद. किरण के पिता बताते हैं, “हम 500-700 किलोमीटर तक गायों को चराने के लिए पैदल जाते हैं. बारिश, सर्दी, गर्मी—तीनों मौसम में बस गायों की सेवा करते हैं.”
देखें Video:
सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ वीडियो
जब किरण का वीडियो सोशल मीडिया पर आया, तो करोड़ों लोगों ने उसे देखा. 80-90 लाख व्यूज़ वाले इस वीडियो को देखकर शिल्पा शेट्टी जैसे बड़े कलाकारों ने भी किरण को फोन किया. कई यूट्यूब चैनलों ने इसे “कलयुग का कन्हैया” कहकर शेयर किया. किरण के पिता कहते हैं, 'अब चरने की जमीन नहीं बची. सरकार को गौचर भूमि मुक्त करनी चाहिए ताकि गायें भूख से न मरें.' उनकी सादगी झलकती है जब वे कहते हैं, 'गाय भूखी तो हम भी भूखे. जब वह खाती है तभी हम खाते हैं.'
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