प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए हर घर में कपड़े का थैला बांट रहे हैं विनय जांगिड़ शर्मा

अब अधिकांश प्रॉडक्ट भी प्लास्टिक के पैकेट में आ रहे हैं. पहले लोग कपड़े का झोला लेकर बाजार में जाना शुरू कर दें फिर दुकानदार भी कागज की थैली में सामन देना शुरू करें तो ये एक अच्छे भविष्य की शुरूआत होगी. 

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दुनिया भर में तेजी बढ़ रहे प्रदूषण और प्रदूषण जनित रोग चिंता बढ़ा रहे हैं. प्रदूषण और ग्लोबल वॉर्मिंग आने वाली पीढ़ी के लिए घातक है. इसी बीच तमाम प्रकृति प्रेमी पौधे लगाने और हरियाली बढ़ाने की बात कर रहे हैं. यूं तो पर्यावरण को सुरक्षित रखने की ज़िमेमेदारी हमारी है. इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.  इस बीच प्रकृति प्रेमी विनय जांगिड़ शर्मा हर घर जूट का थैला अभियान के तहत प्रकृति को बचाने की मुहिम छेड़े हुए हैं. 

विनय का कहना है कि प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए सबसे पहले पॉलिथीन को बंद करना होगा. इसके लिए लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना होगा. पहले लोग घर से बाकायदा कपड़े का झोला लेकर सामन लेने निकलते थे. हर घर में महिलाएं कपड़े का झोला सिलकर रखती थीं. प्लास्टिक के आने से ये परंपरा विलुप्त हो चुकी है. अब लोग खाली हाथ घरों से निकलते हैं और सामान प्लास्टिक के थैले में लेकर आते हैं. 

अब अधिकांश प्रॉडक्ट भी प्लास्टिक के पैकेट में आ रहे हैं. पहले लोग कपड़े का झोला लेकर बाजार में जाना शुरू कर दें फिर दुकानदार भी कागज की थैली में सामन देना शुरू करें तो ये एक अच्छे भविष्य की शुरूआत होगी. 

कपड़े के थैले कई मायने में प्रकृति के हित में है. प्लास्टिक के कारण कई परेशानियां होती हैं, मगर कपड़े के थैले से पर्यावरण को नुकसान ना के बराबर पहुंचता है.

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