सैकड़ों साल पुराने कछुओं की प्रजाति ऑलिव रिडले कछुओं (Olive Ridley turtles) को लेकर हाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सुप्रिया साहू (IAS officer Supriya Sahu) ने एक अपडेट पेश किया. उन्होंने वीडियो शेयर कर इन छोटे-छोटे कछुओं को समुद्र में छोड़े जाने से पहले का नजारा दिखाया है. वीडियो में दिखाया गया है कि कार्यकर्ता चेन्नई में हाल ही में जन्मे ओलिव रिडले कछुओं को धीरे से समुद्र में छोड़ रहे हैं.
एक्स पर एक लंबी पोस्ट में, सुप्रिया साहू ने साझा किया कि कछुए की यह प्रजाति 200 मिलियन साल पहले डायनासोर के समय की है. छोटे कछुए के बच्चे के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य साझा करते हुए, साहू ने बताया कि ये बच्चे खोल को तोड़ने के लिए एक अस्थायी दांत का उपयोग करते हैं.
पोस्ट को कैप्शन देते हुए सुप्रिया साहू ने लिखा, "चेन्नई के बेसेंट नगर समुद्र तट पर हमारे वन विभाग ओलिव रिडले कछुए की हैचरी से इन छोटे कछुओं को समुद्र में अपनी पहली यात्रा करते हुए देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. इन कछुओं की प्रजातियां डायनासोर के समय, 200 मिलियन वर्ष पहले की हैं. इन बहादुर शिशुओं के बारे में बहुत सारे अविश्वसनीय तथ्य हैं जो आपको अवाक कर देंगे. अंडे से निकले बच्चे खोल को तोड़ने के लिए एक अस्थायी "अंडे के दांत" या कार्बुनकल का उपयोग करते हैं. अंडे आमतौर पर 45-60 दिनों में फूटते हैं और बच्चे रेत खोदते हुए बाहर निकलते हैं उनका सिर पहले बाहर आता है. उनके पेट पर एक जर्दी की थैली भी होती है जो उन्हें तैरने और समुद्र में वापस छोड़े जाने पर यात्रा करने के लिए पोषक तत्व प्रदान करती है. प्रकृति का चमत्कार वास्तव में #कछुए हैं.''
एक्स पर साहू की पोस्ट को इंटरनेट काफी पसंद किया जा रहा है और लोगों ने इस पर कमेंट भी किया है. एक यूजर ने लिखा, "वाह, शानदार वर्णन, मैडम. आशा और प्रार्थना करता हूं कि बच्चे समुद्र में सुरक्षित और स्वस्थ रहें." दूसरे ने लिखा, "वास्तव में प्रकृति का चमत्कार."
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