विजयादशमी के मौके पर केरल में हज़ारों बच्चों ने शिक्षा की शुरुआत की, अन्य धर्म के बच्चे भी शामिल

प्रथा के अनुसार, विद्वान, लेखक, शिक्षक, पुजारी और समाज के अन्य प्रमुख व्यक्ति इस अवसर पर बच्चों को सीखने की यात्रा का पहला अक्षर लिखवाते हैं. मुख्य रूप से यह एक हिंदू परंपरा है. हालांकि, केरल में पिछले कुछ वर्षों में ‘विद्यारंभम’ समारोह में अन्य धर्मों के लोग भी इसी दिन अपने बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत करने लगे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
स्रोत- द हिन्दू

विजयादशमी के अवसर पर मंगलवार को केरल में हजारों छोटे बच्चों ने ज्ञान एवं लेखन के क्षेत्र में अपनी औपचारिक यात्रा शुरू की. हिंदू परंपरा के अनुसार, विजयादशमी को दक्षिणी राज्य में पढ़ाई की शुरुआत ‘‘विद्यारंभम'' के दिन के रूप में मनाया जाता है. मंदिरों, स्कूलों, सांस्कृतिक संस्थानों और स्थानीय पुस्तकालयों ने ‘एजुथिनिरुथु' (दीक्षा समारोह) के लिए विस्तृत व्यवस्था की. अनुष्ठान समारोह में भाग लेने के लिए बच्चे और उनके माता-पिता सुबह बड़ी संख्या में इन स्थानों पर एकत्र हुए.

केरल के राज्यपाल ने राज भवन में विद्यारंभ कार्यक्रम किया

प्रथा के अनुसार, विद्वान, लेखक, शिक्षक, पुजारी और समाज के अन्य प्रमुख व्यक्ति इस अवसर पर बच्चों को सीखने की यात्रा का पहला अक्षर लिखवाते हैं. मुख्य रूप से यह एक हिंदू परंपरा है. हालांकि, केरल में पिछले कुछ वर्षों में ‘विद्यारंभम' समारोह में अन्य धर्मों के लोग भी इसी दिन अपने बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत करने लगे हैं.

Advertisement

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी बच्चों को पहल अक्षर सिखाया.

Advertisement

यह केरल की पारंपरिक प्रथा है. इस प्रथा में बच्चों को औपचारिक तौर पर अक्षरों के बारे में बताया जाता है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने तस्वीरें शेयर किया है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jnanpith Award से सम्मानित होने पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा - 76 वर्षों की विद्या का प्रतिफल