चट्टानों पर चढ़ने के लिए बहुत ज्यादा प्रैक्टिस और ट्रेनिंग की जरूरत होती है. सुरक्षात्मक उपाय, देखरेख और सेफ्टी गियर के साथ लोग पहाड़ चढ़ पाते हैं. हालांकि, एक चीनी महिला लगभग 108 मीटर ऊंची चट्टान पर बिना किसी सेफ्टी गियर की मदद लिए चढ़ने का हुनर रखती है. आसान भाषा में कहे तो यह चीनी महिला सिर्फ अपने हाथों के सहारे करीब 30 मंजिला इमारत जितनी ऊंचाई वाली चट्टानों पर आसानी से चढ़ सकती है. साउथ मॉर्निंग चाइना पोस्ट के मुताबिक, इस अद्भुत टैलेंट की वजह से महिला को 'चाइनीज-स्पाइडर-वुमेन' का टाइटल दिया गया है. 43 वर्षीय लुओ डेंगपिन की यह अद्भुत प्रतिभा के पीछे मृतकों को चट्टान पर दफनाने की प्राचीन मियाओ प्रथा भी है.
यहां से मिली प्रेरणा
अपने पिता के मार्गदर्शन में लुओ डेंगपिन महज 15 साल की उम्र से रॉक क्लाइम्बिंग की पैक्टिस कर रही है. मौजूदा समय में लुओ अपने क्षेत्र के 'स्पाइडर लोगों' में एकमात्र महिला हैं. शुरुआती दौर में लड़कों से कम्पीट करना और जीविकोपार्जन के लिए जड़ी-बूटी इकट्ठा करना ही रॉक क्लाइम्बिंग सीखने के लिए प्रमुख प्रेरणा स्रोत था. साल 2017 में लुओ डेनपिंग ने बीबीसी से चट्टान चढ़ना सीखने के संबंध में बातचीत के दौरान कहा था, "लोगों ने कहा था कि यह केवल लड़कों के लिए है, लेकिन मेरा मानना है कि पुरुष और महिलाएं समान हैं, इसलिए मैंने सीखा. इस तरह एक स्पाइडर वुमेन के रूप में मेरी यात्रा शुरू हुई."
प्राचीन मियाओ प्रथा
सिर्फ हाथों के सहारे ऊंची चट्टानों पर चढ़ने के लुओ डेंगपिन के अद्भुत कौशल के पीछे प्राचीन मियाओ प्रथा है. परंपरागत रूप से मियाओ लोग सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में रहते थे और मृतकों को ऊंचाई पर दफनाते थे. मध्य चीन में यह मान्यता है कि मृतकों को ऊंचाई पर दफनाने से उन्हें पैतृक मातृभूमि की ओर देखने की अनुमति मिल जाती है. समय के साथ मियाओ लोग सिर्फ हाथों के सहारे चट्टानों पर चढ़ने के कौशल को निखारते आ रहे हैं. मौजूदा समय में लुओ ने अपने इस टैलेंट को एंटरटेनमेंट में बदल दिया है. टूरिस्ट उनसे बिना सेफ्टी गियर के चट्टानों पर चढ़कर दिखाने का रिक्वेस्ट करते हैं और पैसे भी देते हैं.
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