Switzerland speeding fine: स्विट्ज़रलैंड के लाज़ान शहर में तेज रफ्तार का जुनून एक रईस कारोबारी को करोड़ों में पड़ गया. 50 किमी प्रति घंटा की सीमा वाले सड़क पर उन्होंने 77 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी दौड़ाई, यानी 27 किमी/घंटा ज्यादा. नतीजा...अदालत ने उन पर 90,000 स्विस फ्रैंक (करीब ₹90 लाख) तक का जुर्माना ठोक दिया.
कमाई के हिसाब से तय होता है जुर्माना (Lausanne tycoon penalty)
स्विट्ज़रलैंड के वॉड कैंटन का नियम है कि जुर्माना केवल गलती के हिसाब से नहीं, बल्कि व्यक्ति की आय, संपत्ति और पारिवारिक आर्थिक स्थिति के आधार पर तय होता है. इसी वजह से करोड़पति और अरबपति यहां मामूली उल्लंघन पर भी लाखों में जुर्माना भरते हैं, जबकि गरीब अपराधियों को कभी-कभी सिर्फ एक रात जेल में गुजारनी पड़ती है.
दोबारा गलती तो और महंगा पड़ेगा (Swiss traffic law income based)
इस मामले में कारोबारी को तुरंत 10,000 स्विस फ्रैंक (करीब ₹12 लाख) जमा कराने का आदेश मिला है. बाकी 80,000 फ्रैंक तब वसूले जाएंगे, अगर अगले तीन साल में उन्होंने फिर सड़क नियम तोड़ा. दिलचस्प बात ये है कि आठ साल पहले भी उन्हें ओवरस्पीडिंग पर 10,000 फ्रैंक का जुर्माना भरना पड़ा था और उस समय भी एक बड़ी पेनल्टी की चेतावनी मिली थी.
सिर्फ आम लोग ही नहीं, पुलिस भी फंस चुकी (world biggest speeding fines)
स्विट्ज़रलैंड में ये सख्ती सिर्फ आम नागरिकों पर नहीं है. 2016 में जिनेवा में एक पुलिस अफसर को भी दोगुनी स्पीड पर गाड़ी चलाने पर चालान भरना पड़ा था, जबकि वह बैंक एटीएम उड़ाने वाले चोरों का पीछा कर रहा था.
दुनिया में अनोखी व्यवस्था (Switzerland ka bada challan)
स्विट्ज़रलैंड ही नहीं, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और नॉर्डिक देश भी आय के आधार पर जुर्माना तय करते हैं. 2010 में, एक फेरारी चालक को यहां लगभग $2.9 लाख का चालान भरना पड़ा था, जो अब तक का रिकॉर्ड है. इस व्यवस्था से अमीर लोगों के लिए सड़क नियम तोड़ना भी जेब पर भारी पड़ जाता है.
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