पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में 12 साल के लड़के ने रेलवे पटरी में दरार देखने के बाद अपनी लाल कमीज लहराकर तेज रफ्तार ट्रेन को क्षतिग्रस्त पटरी को पार करने से रोक दिया, जिससे एक रेल हादसा होने से बाल-बाल बच गया. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि, लोको-पायलट ने लाल कमीज लहराकर खतरे का संकेत जता रहे मुरसलीन शेख नामक लड़के के इशारे को भांप लिया और सही समय पर ट्रेन को रोकने के लिए आपातकालीन ब्रेक लगाया. उन्होंने बताया कि घटना पिछले बृहस्पतिवार को भालुका रोड यार्ड के पास हुई थी.
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उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने एक बयान में कहा, 'मालदा में 12 साल के लड़के ने अपनी लाल कमीज लहराकर एक तेज रफ्तार ट्रेन को बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हुई रेलवे पटरी के एक हिस्से को पार होने से रोककर साहस का परिचय दिया.' उन्होंने कहा कि, 'बारिश की वजह से मिट्टी और पत्थर बह जाने से वह स्थान क्षतिग्रस्त हो गया था.'
डे ने कहा, 'पास के गांव के एक प्रवासी श्रमिक का बेटा मुरसलीन शेख रेलवे कर्मचारियों के साथ यार्ड में मौजूद था. बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हुए पटरी के हिस्से को देखकर लड़के ने समझदारी से काम लिया और वहां ड्यूटी पर तैनात अन्य रेलवे कर्मचारियों के साथ अपनी लाल शर्ट लहराकर सामने से आ रही ट्रेन के लोको पायलट को सर्तक कर दिया.' अधिकारी ने बताया कि, क्षतिग्रस्त पटरी की मरम्मत की गई और बाद में रेल परिचालन फिर से शुरू किया गया.
उन्होंने कहा, 'उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के अधिकारियों ने लड़के को उसकी बहादुरी के लिए प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से पुरस्कृत किया. मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू, कटिहार के मंडल रेल प्रबंधक सुरेंद्र कुमार के साथ लड़के के घर पहुंचे और उसे पुरस्कृत किया और उसके प्रयास की सराहना की.'