VIDEO: हजारों साल पहले विलुप्त हो चुके जीव के डीएनए से ऑस्ट्रेलियन फूड स्टार्टअप ने बनाया मीट बॉल

Trending News: ऑस्ट्रेलिया के एक फूड स्टार्टअप ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसके बारे में जानकर लोग हैरान हैं. दरअसल, स्टार्टअप के वैज्ञानिकों ने लैब के अंदर ही वुली मैमथ का मांस बनाकर तैयाक कर दिखाया है. बताया जा रहा है कि, ये सब कुछ मैमथ के डीएनए से संभव हो पाया है.

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Australian Food Startup: क्या कभी आपने टीवी स्क्रीन या फिर मोबाइल पर या किन्हीं तस्वीरों में बड़े-बड़े दांत वाला हाथी देखा है, जिसे मेमथ के नाम से जाना जाता है. ये हाथी अब धरती से गायब यानी कि विलुप्त हो चुके हैं, लेकिन इनके मीट से बनी डिश आप अब भी खा सकते हैं. सुनकर चौंक गए न? पर ऑस्ट्रेलिया के एक फूड स्टार्टअप ने ऐसा कर दिखाया है, जिन्होंने दावा किया है कि फरदार मेमथ के डीएनए और अफ्रीकन हाथी के डीएनए के कुछ अंश मिलाकर उन्होंने लैब में मीट तैयार किया है.

यहां देखें पोस्ट

खाने के लिए नहीं है मीट

इस मीट को तैयार किया है कल्चर्ड मीट बनाने वाले स्टार्टअप Vow ने. Vow ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है कि, ये दुनिया की पहली ऐसी मीट बॉल है, जो विलुप्त हो चुके जानवर के प्रोटीन से तैयार की गई है. इसे उन्होंने फ्यूचर फूड का नाम भी दिया है. हालांकि, ये मीट बॉल खाने के लिए नहीं है, बल्कि इसे एम्सटर्डम के साइं म्यूजियम में रखा जाएगा, ताकि कल्चर्ड मीट की तरफ लोगों का ध्यान खींचा जा सके. Vow की कोशिश है कि, लोगों को ऐसा मीट खाने के लिए मोटिवेट किया जा सके, जो जानवरों को मारकर नहीं, बल्कि लैब में कल्चर कर तैयार किया गया है. संस्था पहले भी ऐसे कुछ प्रयोग कर चुकी है.

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मीट खाने के नुकसान

Vow के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर James Ryall का कहना है कि, लोगों को अब मीट खाने के बारे में अपनी सोच और तरीका बदलना चाहिए. मेमथ मीट बॉल के जरिए वो लोगों को इसी के प्रति प्रोत्साहित करना चाहते हैं. हालांकि, मीट बॉल को खाने के बारे में Ryall का कहना है कि, अभी ये कहना मुश्किल है कि 5 हजार साल पहले विलुप्त हो चुके जानवर के प्रोटीन से बना मीट लोगों पर क्या असर करेगा. इसी वजह से ये मीट बॉल लोगों को खाने के लिए नहीं दी जाएगी.

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