दादा की 50 साल पुरानी झोपड़ी को क्रेन से कराया शिफ्ट, अब हर जगह हो रही पोते की तारीफ

राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) में सिणधरी उपखंड के करडाली नाडी गांव में पुरखाराम (Purkharam) नाम के एक शख्स रहते हैं. जिन्होंने अपनी 50 साल पुरानी एक झोपड़ी (Hut) को सेफ रखने के लिए ऐसा तरीका आजमाया, जिसने लोगों को दिल जीत लिया.

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पुखाराम दादा की निशानी को लंबे वक्त संभालकर रखना चाहते थे. 
नई दिल्ली:

कई लोगों के लिए पुरानी चीजों की अहमियत कुछ अलग किस्म की होती है. खासकर तब जब वो चीज आपके किसी करीबी शख्स की यादों से जुड़ी हों. इसलिए इन यादों को सहजने के लिए लोग हरसंभव तरकीब आजमाते हैं. हाल ही में एक ऐसा ही देशभर में काफी चर्चित हो रहा है दरअसल इस शख्स ने अपने दादा की निशानी के रूप में मौजूद 50 साल पुरानी झोपड़ी (50 Years Old Hut) को बचाने के लिए उसे हाइड्रा क्रेन (Hydra crane) से लिफ्ट कराकर दूसरी जगह शिफ्ट कराया. अब ये खबर लोगों की दिलचस्पी की वजह बन गई.

एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) में सिणधरी उपखंड के करडाली नाडी गांव में पुरखाराम (Purkharam) नाम के एक शख्स रहते हैं. जिन्होंने अपनी 50 साल पुरानी एक झोपड़ी (Hut) को सेफ रखने के लिए ऐसा तरीका आजमाया, जिसने लोगों को दिल जीत लिया. पुरखाराम ने झोपड़ी को हाइड्रा क्रेन की मदद से दूसरी जगह शिफ्ट कराया. असल में यह झोपड़ी उनके दादा ने तकरीबन 50 साल पहले बनवाई थी. यही वजह है कि पुखाराम दादा की इस निशानी को लंबे वक्त संभालकर रखना चाहते थे. 

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ऐसे में उन्होंने इस क्रेन (Crane) से दूसरी जगह शिफ्ट करा लिया. इस झोपड़ी (Hut) की नींव कमजोर हो रही थी. हालांकि अब ये झोपड़ी सही हालत में नहीं है, लेकिन पुरखाराम कहते हैं कि इस झोपड़ी की थोड़ी बहुत मरम्मत होने के बाद यह 30-40 साल और चलेगी. उन्होंने बताया कि इस झोपड़ी (Hut) को हाइड्रा क्रेन (Hydra Crane) से शिफ्ट कराने में उन्हें 6 हजार रुपये खर्च करने पड़े हैं, जबकि ऐसी नई झोपड़ी बनाने में महज 70-80 हजार रुपये का खर्च आता है. 
 

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