केरल: कई दिन तक लोगों की नींद उड़ाने के बाद आखिरकार पिंजरे में कैद हुआ बाघ

बाघ को पकड़ने के लिए सभी संभावित उपाय तलाश रहे वन्यजीव अधिकारियों ने इसकी आवाजाही की निगरानी के बाद एक तय जगह पर पिंजरा रखा. वन्यजीव पशुचिकित्सक अरुण जकारिया की टीम बाघ को पकड़ने के लिए इलाके में डेरा डाले हुए थी. जकारिया ने कहा कि बाघ और उसके आने-जाने के रास्तों का पता लगाना बहुत कठिन था.

विज्ञापन
Read Time: 9 mins

केरल के वायनाड में पिछले एक महीने से स्थानीय निवासियों की रातों की नींद उड़ाने वाला एक बाघ आखिरकार शुक्रवार तड़के वन अधिकारियों द्वारा रखे गए पिंजरे में कैद हो गया. एक महीने पहले वन क्षेत्र में बाघ के होने का पता चला था। तब से यह कम से कम 13 घरेलू जानवरों पर हमला कर चुका था.

स्थानीय लोगों ने बाघ को पकड़ने में लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद 10 वर्षीय नर बाघ को वन जांच चौकी के पास रखे पिंजरे में कैद कर लिया गया.

बाघ को पकड़ने के लिए सभी संभावित उपाय तलाश रहे वन्यजीव अधिकारियों ने इसकी आवाजाही की निगरानी के बाद एक तय जगह पर पिंजरा रखा. वन्यजीव पशुचिकित्सक अरुण जकारिया की टीम बाघ को पकड़ने के लिए इलाके में डेरा डाले हुए थी. जकारिया ने कहा कि बाघ और उसके आने-जाने के रास्तों का पता लगाना बहुत कठिन था क्योंकि यह केवल रात के दौरान ही निकलता था. वन अधिकारियों ने कहा कि बाघ स्वस्थ दिखता है. हालांकि उसके एक दांत को कुछ नुकसान हुआ है.

Advertisement

वीडियो देखें- छठ पर यूपी-बिहार की फ़्लाइट में किराए के नाम पर मची लूट

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
World Brain Tumour Day 2025: Neurologist ने बताए ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण, कारण और इलाज | Brain Tumor In Hindi | Brain Tumor Ke Lakshan, Karan aur Ilaj