ईरान में क्यों हो रही 'खून की बारिश'! समुद्र तट हो गया पूरा लाल, क्या है इसका रहस्य

बारिश के बाद होर्मुज द्वीप के तटों पर छा गया 'खून जैसा लाल रंग', जिसने पर्यटकों और वैज्ञानिकों दोनों को चकित कर दिया है. लोहे की खास चट्टानों की वजह से यह जगह बना है प्रकृति का अनोखा रंगमंच, जो दिखता है बिल्कुल मंगल ग्रह जैसा.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
रातोंरात 'खून' जैसा लाल हो गया ईरान के होर्मुज तट, जानिए आखिर क्या है रहस्य

Hormuz island blood-red video: ईरान के होर्मुज द्वीप ने एक बार फिर से अपनी अद्भुत और रहस्यमय खूबसूरती से दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद, इस द्वीप के तटों और समुद्र के किनारों पर 'खून' की तरह लाल रंग छा गया है. यह रंग, जो पहली नजर में अजीब और बाहरी दुनिया से आया सा लगता है, वास्तव में प्राकृतिक और पूरी तरह सुरक्षित है.

यह घटना इस छोटे से द्वीप की विशेष भूगर्भीय संरचना के कारण होती है. होर्मुज द्वीप, जो फारस की खाड़ी के पास और स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के निकट स्थित है, अपनी रंगीन भू-प्रकृति और अनोखी चट्टानों के लिए जाना जाता है. यहां की मिट्टी और पहाड़ लोहे के ऑक्साइड से भरपूर हैं, खासतौर पर हीमेटाइट नामक खनिज.

ये भी पढ़ें:-धुरंधर देखकर आया पाकिस्तानी हो गया इमोशनल, बोला- इंडिया वालों मजा आ गया

हीमेटाइट और लाल रंग का विज्ञान (Hematite and the Science Behind the Red Color)

हीमेटाइट (Fe2O3) एक प्राकृतिक लौह ऑक्साइड है, जो धरती पर लाल रंग उत्पन्न करता है और मंगल ग्रह की सतह पर भी इसी खनिज की मौजूदगी के कारण लाल रंग दिखता है जब बारिश होती है, तो पानी इन लोहे से भरपूर पहाड़ों और मिट्टी से होकर बहता है और इसमें से हीमेटाइट के कण समुद्र के किनारे पहुंचते हैं. इससे समुद्र का पानी और रेत लाल रंग में रंग जाती है. इस तरह का प्राकृतिक रंग परिवर्तन केवल एक मौसमीय घटना है और यह तटीय पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है. हालांकि, लगातार अपर्याप्त नियंत्रण के बिना सतह की मिट्टी का कटाव द्वीप की भू-रूपरेखा को धीरे-धीरे बदल सकता है, इसलिए पर्यावरण विशेषज्ञ इस घटना पर नजर रख रहे हैं.

होर्मुज का भूगर्भीय खजाना (Hormuz Island red beaches)

होर्मुज द्वीप की मिट्टी और चट्टानें नमक के डोम्स, ज्वालामुखी अवशेषों और विभिन्न खनिजों से बनी हैं. यहां की मिट्टी में ऑक्रे, जिप्सम और लौह अयस्क प्रमुख हैं. स्थानीय लोग इन खनिजों का इस्तेमाल पारंपरिक रंग बनाने में करते हैं, जो इस द्वीप की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान है. बारिश के बाद इस लाल रंग का नजारा ऐसा लगता है, जैसे कोई विशाल रंगीन कैनवास प्रकृति ने तैयार किया हो. पर्यटक और वैज्ञानिक दोनों इस प्राकृतिक रंग की अद्भुतता को कैमरे में कैद करने के लिए आते हैं. यह घटना भू-विज्ञान, जलवायु और रसायन विज्ञान के बीच एक अनोखे संगम का उदाहरण है.

Advertisement

लाल रेत वाला द्वीप (Hematite natural phenomenon)

होर्मुज द्वीप का यह प्राकृतिक लाल रंग केवल एक दृश्य चमत्कार ही नहीं, बल्कि हमें पृथ्वी की सतह पर हो रहे प्राकृतिक और भूगर्भीय प्रक्रियाओं की समझ भी देता है. यह दिखाता है कि कैसे प्राकृतिक घटक और मौसम मिलकर धरती को अनोखे रंगों से सजाते हैं. साथ ही, पर्यावरण संरक्षण की जरूरत को भी रेखांकित करता है, ताकि इस खूबसूरती को बनाए रखा जा सके. यह नजारा सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए नहीं, बल्कि हर प्रकृति प्रेमी और पर्यटक के लिए एक मनमोहक अनुभव है, जो धरती और मंगल ग्रह के बीच के कनेक्शन को भी दर्शाता है.

ये भी पढ़ें:-100 साल पुराने घर की दीवार में छिपा था खुफिया दरवाजा, खोलते ही कपल के उड़ गए होश

Advertisement

ये भी पढ़ें:-डिफेंडर को औकात दिखा दी...गांव की दादी ने डेढ़ करोड़ की SUV का किया ऐसा हाल, लोगों की फटी आंखें

ये भी पढ़ें:-जिम में हैवी वेट उठाने से चली गई लड़के की आंखों की रोशनी, डॉक्टरों का अलर्ट, न करें ऐसी गलती

Advertisement

Featured Video Of The Day
Nitish Burqa Controversy: बुर्का विवाद के बीच संजय निषाद ने क्या बयान दिया? | Bihar News