धरती के बाद पाताल लोक में फैल रही महामारी, वैज्ञानिकों का अलर्ट, आने वाली है सबसे बड़ी मुसीबत!

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सी अर्चिन की सामूहिक मौत समुद्री जीवन के संतुलन को बिगाड़ सकती है, कई रीफ क्षेत्रों में 99 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज.

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समंदर में फैल रही 'रहस्यमयी महामारी’, 99% सी अर्चिन गायब

समुद्र की गहराइयों में एक खामोश तबाही चल रही है, जिसकी आहट अब वैज्ञानिकों तक पहुंच चुकी है. कभी बड़ी संख्या में पाए जाने वाले सी अर्चिन (Sea urchin) अब अचानक गायब होते जा रहे हैं. कैनरी द्वीप और मदीरा जैसे इलाकों में उनकी आबादी लगभग खत्म होने की कगार पर है. वैज्ञानिक इसे एक “छुपी हुई महामारी” बता रहे हैं, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह बदल सकती है.

क्या हुआ सी अर्चिन के साथ?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, डायडिमा अफ्रीकैनम नाम की सी अर्चिन प्रजाति की आबादी 2022 से 2023 के बीच अचानक ढह गई. कई रीफ इलाकों में इनकी संख्या 99 प्रतिशत से भी ज्यादा घट गई. टेनरिफ जैसे क्षेत्रों में तो सी अर्चिन लगभग पूरी तरह गायब हो गए हैं. 2023 से 2025 तक किए गए सर्वे में भी हालात सुधरते नहीं दिखे.

नए सी अर्चिन क्यों नहीं दिख रहे?

वैज्ञानिकों ने 2023 और 2024 में लार्वा ट्रैप लगाए, लेकिन इनमें लगभग कोई भी नया सी अर्चिन नहीं मिला. इसका मतलब है कि न सिर्फ पुराने सी अर्चिन मर चुके हैं, बल्कि नई पीढ़ी भी जन्म नहीं ले पा रही.

अध्ययन किसने किया?

यह अध्ययन स्पेन के टेनरिफ स्थित ला लगुना विश्वविद्यालय से जुड़े वैज्ञानिक इवान कानो के नेतृत्व में किया गया. शोधकर्ताओं ने कैनरी द्वीप समूह के 76 रीफ स्थलों पर 2022 से 2025 के बीच सर्वे किया. यह शोध समुद्री विज्ञान से जुड़ी प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

कितने इलाके प्रभावित?

इस महामारी का असर कैनरी द्वीप समूह के कई हिस्सों में देखा गया, जिनमें टेनरिफ और ला पाल्मा सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं. मदीरा में भी 2023 के सर्वे में सी अर्चिन की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह समस्या दूसरे अटलांटिक रीफ क्षेत्रों तक भी फैल सकती है.

आखिर सी अर्चिन मर क्यों रहे हैं?

मौत की असली वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी रोगाणु या परजीवी के कारण यह सामूहिक मौत हो सकती है. इवान कानो के अनुसार, दुनिया के दूसरे हिस्सों में हुई ऐसी घटनाओं को एक तरह के सूक्ष्म परजीवी जीव से जोड़ा गया है, जो सी अर्चिन के लिए घातक साबित होता है.

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आगे क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

समुद्री जीवविज्ञानी बचे हुए सी अर्चिन की लगातार निगरानी कर रहे हैं. वे यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या भविष्य में इनकी आबादी दोबारा बढ़ पाएगी. वैज्ञानिकों की चेतावनी है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो पूरे समुद्री रीफ तंत्र को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है. सी अर्चिन की यह रहस्यमयी मौत सिर्फ एक प्रजाति का नुकसान नहीं है, बल्कि पूरे समुद्री जीवन के संतुलन पर खतरा है. यह छुपी हुई महामारी आने वाले समय में समुद्र की दुनिया को पूरी तरह बदल सकती है.

सी अर्चिन क्या है?

सी अर्चिन एक प्रकार का समुद्री जीव होता है, जो समुद्र के तल पर रहता है. इसे हिंदी में कभी-कभी समुद्री कांटेदार जीव भी कहा जाता है. इसका शरीर गोल या अंडाकार होता है. पूरे शरीर पर नुकीले कांटे होते हैं. यह आमतौर पर समुद्र की चट्टानों और रीफ के पास पाया जाता है. सी अर्चिन काई और शैवाल खाता है. 

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सी अर्चिन क्यों ज़रूरी है?

इससे समुद्री चट्टानों पर शैवाल की अधिकता नहीं होती. यह समुद्री पारिस्थितिकी का संतुलन बनाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाता है. अगर सी अर्चिन कम हो जाएं तो शैवाल बहुत तेजी से फैलने लगते हैं. मूंगा चट्टानें कमजोर हो जाती हैं. पूरा समुद्री जीवन प्रभावित होने लगता है.

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