मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है. मेहनत करने वाले लोग अपना रास्ता खुद तय कर लेते हैं. कई बार ज़िंदगी में ऐसा होता है कि हम लक्ष्य की प्राप्ति तो करते हैं, मगर किसी कारणवश सफल नहीं हो पाते हैं. वहीं कुछ लोग जिद्दी होते हैं, जो लक्ष्य के लिए इतिहास रच देते हैं. आज हम आपको वत्सल नहाता के बारे में बताने जा रहे हैं. अपनी ड्रीम जॉब पाने के लिए वत्सल ने ऐसा काम कर दिया जो लोगों के लिए प्रेरणा बन गया. दरअसल, दरअसल, World Bank में नौकरी वत्सल का सपना था. ऐसे में अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की. 600 कोल्ड ईमेल्स और 80 कॉल्स के बाद आखिरकार वत्सल नहाता को उनकी ड्रीम जॉब मिल ही गई. वत्सल की ये कहानी सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन पर शेयर की गई है.
कोविड-19 वत्सल अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे थे. उस समय अमेरिका में जॉब की तंगी थी. महामारी के दौरान कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल रही थी और उस समय के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे. उन्होंने कहा था कि सिर्फ अमेरिकियों को नौकरी मिलेगी. इस बात से वत्सल परेशान थे.
वत्सल नहाता ने बताया कि घरवालों ने पूछा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद क्या करोगे तब वतस्व के पास कोई जवाब नहीं था, लेकिन वो ठान चुके थे उन्हें घर खाली हाथ नहीं लौटना था. ऐसे में वर्ल्ड बैंक में नौकरी करने के लिए उन्होंने लगाता प्रयास किए. इस क्रम में उन्होंने 600 ईमेल भेजे और 80 कॉल किए. हर बार कॉल और ईमेल करने के बाद वत्सल को कई रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, मगर हार नहीं मानी. आखिरकार वत्सल ही मेहनत रंग लाई और उन्हें वर्ल्ड बैंक में नौकरी मिली.
वत्सल नहाता वर्तमान में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) में काम करते हैं. वह कहते हैं कि दो महीने के उस सफर ने कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखाई हैं.
ये ज़िंदगी है. लोगों को सफलता के लिए प्रयास करते रहना चाहिए. सफलता एक ख़ूबसूरत कहानी है, जिसमें कई रोमांचक मोड़ है.