खगोल वैज्ञानिकों (Astronomers) ने पहली बार आकाशगंगा (Milky Way galaxy) के बीच स्थित ब्लैक होल की तस्वीर जारी की है. खगोलविदों ने गुरुवार को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में दुबके हुए अंधेरे और धूल पर पहली नज़र डाली, एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की एक छवि का अनावरण किया जो किसी भी पदार्थ को अपने विशाल गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के भीतर भटकते हुए खा जाता है.
ब्लैक होल - जिसे धनु A*, या SgrA* कहा जाता है - अब तक का दूसरा चित्र है. यह उपलब्धि उसी इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) के अंतरराष्ट्रीय सहयोग द्वारा हासिल की गई थी, जिसने 2019 में एक ब्लैक होल की पहली तस्वीर का अनावरण किया था - जो एक अलग आकाशगंगा के केंद्र में रहता है.
इस खोज की घोषणा अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) (National Science Foundation) ने की थी.
एनएसएफ ने कहा, "हमारा अपना ब्लैक होल! खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल की पहली छवि @ehtelescope का उपयोग करके हासिल की है - एनएसएफ समर्थन के दशकों से उभरे रेडियो दूरबीनों की एक ग्रह-पैमाने पर सरणी, " छवि को अमेरिका और दुनिया भर में एक साथ 6 समाचार सम्मेलनों में जारी किया गया था.
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (American space agency NASA) नासा ने इस खोज के लिए एनएसएफ को बधाई दी है.
नासा के एक ट्वीट में कहा गया है, "हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल, धनु A* की पहली छवि कैप्चर करने के लिए @ehtelescope टीम को बधाई!"
धनु A* में हमारे सूर्य के द्रव्यमान का चार मिलियन गुना है और यह लगभग 26,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है - एक वर्ष में प्रकाश की दूरी पृथ्वी से 5.9 ट्रिलियन मील (9.5 ट्रिलियन किमी) - दूर है.
फोटो में एक डोनट के आकार का अंधेरा और खाली स्थान है जो रेडियो उत्सर्जन से भरा है. ब्लैक होल को नहीं देखा जा सकता है क्योंकि प्रकाश भी इसके मजबूत गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से बच नहीं सकता है. लेकिन नई तस्वीर ने अपनी छाया को प्रकाश और पदार्थ की एक चमकदार, धुंधली अंगूठी द्वारा खोजा है जो अंततः विस्मरण में डूबने से पहले किनारे पर घूम रहा है.
खगोलविदों ने समझाया, धनु A* का व्यास सूर्य से लगभग 17 गुना है.
ब्लैक होल गुरुत्वाकर्षण के साथ असाधारण रूप से घनी वस्तुएं हैं जो इतनी मजबूत हैं कि प्रकाश भी नहीं बच सकता है, जिससे उन्हें देखना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. एक ब्लैक होल का घटना क्षितिज बिना किसी वापसी का बिंदु है जिसके आगे कुछ भी - तारे, ग्रह, गैस, धूल और सभी प्रकार के विद्युत चुम्बकीय विकिरण - गुमनामी में खींच लिए जाते हैं.
आकाशगंगा एक सर्पिल आकाशगंगा है जिसमें कम से कम 100 अरब तारे हैं. ऊपर या नीचे से देखने पर यह एक कताई पिनव्हील जैसा दिखता है, जिसमें हमारा सूर्य एक सर्पिल भुजा पर स्थित होता है और धनु A* केंद्र में स्थित होता है.
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